दिल्ली में आप की वापसी
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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली पराजय को विनम्रता से स्वीकार लिया है। भाजपा दिल्ली प्रदेश के प्रवक्ता हरीश खुराना ने हिन्दुस्थान समाचार’ से बातचीत में चुनाव नतीजों को स्वीकार करते हुए कहा कि चुनाव हारने का कोई एक कारण नहीं बल्कि कई सारे कारण होते हैं । उन्होंने कहा कि पार्टी की प्रदेश इकाई इसका आंकलन करेगी कि क्या कारण है कि वह सिर्फ यही चुनाव नहीं, अपितु 22 साल में लगातार पांचवां विधानसभा चुनाव हार गई, जबकि इस बीच हुए लोकसभा चुनाव ही नहीं अपितु म्यूनिसपल कारपोरेशन के चुनाव जीतती रही है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में किन कारणों से पराजय का सामना करना पड़ा, उसके पीछे के कारणों का आंकलन करने के बाद भाजपा उन खामियों को दूर करेगी। 

 

भाजपा की ओर से अरविंद केजरीवाल के सामने मुख्यमंत्री का कोई चेहरा सामने न पेश किए जाने पर खुराना ने कहा कि  वर्ष 2015 में हरियाणा में चुनाव हुआ तो  मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार नही थे। न ही झारखंड में रघुवर दास और  महाराष्ट्र में देवेन्द्र फणनवीस को मुख्यमंत्री का चेहरा बना चुनाव लड़ा गया था। चुनाव परिणाम बाद जब भाजपा के पक्ष में बहुमत आया तो ये लोग मुख्यमंत्री बने।  उन्होंने कहा कि चुनावी राजनीति का कोई लिखित फार्मूला नहीं होता है।

 

राष्ट्रवाद, नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर आक्रामक प्रचार अभियान को भी खुराना चुनाव नतीजों के लिए जिम्मेदार नहीं मानते । उनके मुताबिक, राष्ट्रवाद, सीएए और शाहीन बाग को लेकर कोई आक्रामक प्रचार नही किया गया।  हमें दो बात नही भूलनी चाहिए कि शाहीन बाग में जिन्ना वाली आजादी के नारे लगे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या की बात हुई। इन बातों का वोट से लेना देना हो या न हो, लेकिन सच्चाई तो यही है न कि उसको समर्थन देने वालों में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कांग्रेस के लोग शामिल थे।

 

भाजपा नेता व प्रवक्ता शिवम छाबड़ा भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि मुख्यमंत्री का चेहरा पेश न किया जाना हार के लिए कोई कारण नही है और न ही, सीएए के विरोध प्रदर्शन का चुनाव परिणामों पर कोई प्रभाव पड़ा है। छाबड़ा के मुताबिक, आम आदमी पार्टी (आप) की केजरीवाल सरकार के पांच साल के कुशासन को भाजपा जनता के बीच पहुंचाने में नाकाम रही और इसी कारण उसे पराजय का सामना करना पड़ा है। छाबड़ा का कहना है कि जनता को मुफ्त बिजली, पानी ही रास आया इसलिए केजरीवाल को दोबारा बहुमत मिला है।

 

हालांकि, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दिल्ली प्रदेश के प्रभारी श्याम जाजू चुनाव परिणामों और उसके पीछे के कारणों पर अभी कुछ कहने को जल्दबाजी बताते हैं। उनके मुताबिक, चुनाव नतीजों का आंकलन करने के बाद ही पार्टी पराजय के कारणों को चिन्हित करेगी।

Dakhal News 11 February 2020

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