एड्स के वायरस छिपाने वाली कोशिकाओं का पता चला
एड्स  वायरस

फ्रांस के वैज्ञानिकों ने एड्स के वायरस को बचने के लिए जगह देने वाली मायावी श्वेत रक्त कोशिकाओं को पता लगाने का एक तरीका खोज लिया है। ये कोशिकाएं एड्स के वायरस को छिपा लेती हैं, ताकि एचआईवी की दवाओं का वायरस पर असर नहीं हो।

इन कोशिकाओं का पता लगाने में सक्षम होने के बाद वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वे एक दिन इन कोशिकाओं को बेअसर किया जा सकेगा। इस दिशा में लंबे समय से शोध किया जा रहा था।

फ्रांस की सीएनआरएस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कहा कि इस शोध ने वायरल रिजर्वेयर्स के बारे में बेहतर मौलिक समझ का मार्ग प्रशस्त किया है। इस अध्ययन को नेचर पत्रिका में प्रकाशित किया गया था। यह एक बयान में कहा गया है कि लंबे समय में यह उपचारात्मक रणनीतियों का नेतृत्व करेगा, जिसका लक्ष्य गुप्त वायरस को खत्म करना है।

एचआईवी का कोई इलाज नहीं है, और संक्रमित लोगों को जीवनभर वायरस को दबाने वाली दवाएं लेनी पड़ती हैं। इसका कारण यह है कि प्रतिरक्षा तंत्र कोशिकाओं ( जिसे कोशिकाओं की श्रेणी में सीडी 4 टी लिम्फोसाइट्स कहते हैं) की एक छोटी संख्या वायरस को बचने के लिए सुरक्षित जगह मुहैया कराती है।

इससे इलाज बंद करने के दशकों बाद भी वायरस फिर से उभर आता है और फैल जाता है। एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति के शरीर में 200 अरब सीडी 4 टी कोशिकाएं होती हैं। इनमें से 10 लाख में से कोई एक कोशिका ही वायरस को छिपाने का काम करती है।

 

Dakhal News 16 March 2017

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