विभागीय लापरवाही से हैदरवास के लोगो की जान सांसत में
mandsour, Due departmental negligence, people  Hyderwas
मन्दसौर। जिले में पुल की जिम्मेदारी से बचकर काम करने वाले प्रधानमंत्री सड़क विभाग की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई हैं। हेदरवास में बनी विभाग की सड़क की डीपीआर में पुल को शामिल न कर गांव को शहर की बजाय फोरलेन से जोड़ दिया। खामियाजे के बतौर अभी तक गलत कनेक्टिविटी आधा दर्जन जाने ले चुकी हैं। लोग आक्रोशित हैं और प्रशासन मौन।

मन्दसौर में प्रधानमंत्री सड़क योजना की 5 साल पुरानी लापरवाही अब लोगों की जान पर पड़ गई है। मन्दसौर के प्रतापगढ़ रोड से हेदरवास के बीच पांच साल पहले पीएमजीएसवाय ने सड़क बनाई थी। योजना के मुताबिक गांव की सड़क को शहर से जोड़ना था लेकिन विभाग के कारिंदों ने इस गांव को मन्दसौर के प्रतापगढ़ रोड की बजाय उसकी कनेक्टिविटी फोरलेन से कर दी। इस चूक से गांव के करीब 6 लोगों की मौत पिछले कुछ महीनों में हो गई। गांव के लोग जमकर गुस्सा हैं। वे विभाग को कोस रहे हैं। लेकिन न तो प्रशासन इसकी जांच करने को तैयार हैं और न ही नेता जनता की जिंदगी से खेलने पर कुछ बोलने को तैयार हैं।

पुल के काम को शामिल ही नहीं किया डीपीआर में -

बताया जाता हैं कि विभाग के महाप्रबंधक यशपाल जोशी और उनके मातहतों की बड़ी लापरवाही इन मौतों का कारण बन गई है। जब रोड की डीपीआर बनी तब भी महाप्रबंधक जोशी ही थे। उस समय हेदरवास मे सीसी रोड और डामर की योजना तो बना दी लेकिन उस डीपीआर में गांव से निकल रहे बुगलिया नाले पर पुल गायब कर दिया। लोगों का मानना है कि यदि महाप्रबंधक और उनके मातहत योजना की गंभीरता तो समझ जाते तो हैदरवास में महज 50 से 100 फिट लंबा पुल बनता और सड़क की कनेक्टिविटी बजाय फोरलेन के प्रतापगढ़ रोड से 300 मीटर डामर से ही हो जाती। इससे दो फायदे होते। पहला यह कि हेदरवास के लोग सीधे मन्दसौर शहर से जुड़ जाते और दूसरा यह कि फोरलेन पर आए दिन दुर्घटनाओं में जिंदगी लीलने का सिलसिला चालू ही नही होता।

पुल के कामों से बचने की कोशिश में रहते हैं अधिकारी -

मन्दसौर के पीएमजीएसवाय विभाग के महाप्रबंधक यशपाल जोशी और उनकी टीम पुल बनाने को लेकर हमेशा चर्चा में रही है। जोशी मूलतः ऊर्जा विभाग से हैं, वे करीब सवा दशक से प्रतिनियुक्ति पर इस विभाग में डटे हुए हैं। उनके मन्दसौर और नीमच के एक दशक के कार्यकाल में कई प्रमुख पुलों को या तो डीपीआर में शामिल ही नहीं किया गया या फिर दूसरे विभागों को इसके निर्माण काम सरका दिए गए। हलको में चर्चा हैं कि वे पुल बनाने में रुचि नही लेते हैं। यही वजह हैं कि हेदरवास में भी डीपीआर में पुल शामिल नही हुआ। उनके ही कार्यकाल में यह गांव का सड़क बनी थी। इसके बाद वे फिर मन्दसौर आये। बारिश में पूरा हैदरवास डूब गया था। उसके बावजूद पुल को लेकर न विभाग जागा और न ही नेता नगरी व कथित सख्त मिजाज प्रशासन।

मन्दसौर-नीमच जिले में कई पुलों ने खोली पोल -

पीएमजीएसवाय और महाप्रबंधक के कार्यकाल में मन्दसौर जिले में नाहरगढ़-बिल्लोद की सड़क का पुल शासन को मुंह चिढ़ा रहा हैं। भारी बारिश में विभाग की उदासीनता से डेढ़ महीने आवागमन बंद रहा। उसके बावजूद प्रधानमंत्री सड़क योजना ने बजाय जवाबदारी के इस सड़क और पुल को जर्जर हालत में ही दूसरे विभागों को देने की जुगत कर डाली। हालांकि विभागों ने इसे एक्सेप्ट नही किया और अब यह पुल और सड़क भगवान के भरोसे हैं। नीमच जिले में जोशी के कार्यकाल में ही मनासा-कंजार्डा मार्ग की करीब 35 किमी लंबी सड़क पर बनने वाले 4 से 5 छोटे छोटे पुल विभाग ने स्वयं बनाने की बजाय सेतु निगम को सौंप पल्ला झाड़ लिया। मन्दसौर में भी यही वजह हैं कि यह पुल लापरवाही का शिकार हो गया।

फोरलेन पर 3 किमी तक नही हैं कोई भी कट -

पीएमजीएसवाय ने हैदरवास की सड़क को फोरलेन से जोड़कर खानापूर्ति कर दी हैं। कागजों में विभाग ने सब कुछ सही बता दिया लेकिन असलियत यह हैं कि हैदरवास की सड़क जहाँ फोरलेन पर खुल रही हैं। उसके सामने तो ठीक प्रतापगढ़ नाके से एमआईटी चैराहे तक 3 किमी में कही कोई रोड़ क्रॉस के लिए कट तक नही हैं। प्रतापगढ़ से आने वाले हो या नीमच की ओर जाने वाले ग्रामीण हो, वे गलत साइड गाड़ी चलाकर आने जाने को मजबूर हैं। यही वजह हैं कि आये दिन सड़क हादसे हो रहे हैं और लोग हताहत हो रहे हैं।

इस संबंध में मन्दसौर कलेक्टर मनोज पुष्प से चर्चा करनी चाही पर बैठक में होने से बात नही हो पाई। उधर जीएम जोशी का मोबाइल भी संपर्क क्षेत्र से बाहर था।
 
Dakhal News 24 January 2020

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.