उज्जैन में श्रावण-भादौ मास में राजाधिराज भगवान महाकाल की दिनचर्या बदल जाएगी। भगवान भक्तों के लिए आम दिनों की अपेक्षा डेढ़ घंटा पहले जागेंगे। सवारी वाले दिन संध्या पूजन और आरती का समय भी बदल जाएगा।
20 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत होगी। देश-विदेश से लाखों भक्त अवंतिकानाथ के दर्शन के लिए उमड़ेंगे। पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि इस दौरान करीब सवा माह भक्तों के लिए भगवान जल्दी जागेंगे।
आम दिनों में तड़के 4 बजे होने वाली भस्मारती सप्ताह में 6 दिन रात 3 बजे तथा सोमवार के दिन रात 2.30 बजे से होगी।
श्रावण-भादौ मास में प्रति सोमवार भगवान महाकाल भक्तों का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलते हैं। इस दिन आम दिनों में शाम 5 बजे होने वाली संध्या पूजा दोपहर 3 बजे होगी तथा संध्या आरती बाबा महाकाल की पालकी मंदिर आने के बाद की जाएगी।
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने पहली बार श्रावण-भादौ मास में भस्मारती दर्शन की ऑनलाइन अनुमति देने का निर्णय लिया है। देश-विदेश में बैठे भक्त सप्ताह में चार दिन ऑनलाइन अनुमति करा सकेंगे। शनिवार से सोमवार तक तीन दिन के लिए दर्शन की अनुमति ऑफलाइन मिलेगी। श्रद्धालु मंदिर के बुकिंग काउंटर से अनुमति प्राप्त कर सकेंगे।
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल में तड़के 4 बजे भस्मारती होती है। मंदिर समिति भस्मारती दर्शन के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन अनुमति देती है। अभी तक श्रावण-भादौ मास में ऑनलाइन अनुमति बंद रहती थी। इस दौरान देश-विदेश से आने वाले भक्तों को मंदिर के भस्मारती बुकिंग काउंटर से ऑफलाइन अनुमति लेना पड़ती थी। लेकिन इस बार समिति ने भक्तों की सुविधा के लिए सप्ताह में चार दिन ऑनलाइन अनुमति का विकल्प खुला रखा है। केवल शनिवार, रविवार तथा सोमवार को ही ऑनलाइन बुकिंग बंद रहेगी।
आज से बंद होगी बुकिंग
सहायक प्रशासक सुदीप मीणा ने बताया ऑनलाइन अनुमति में एक माह पहले से बुकिंग का विकल्प है। 20 जुलाई से श्रावण मास शुरू हो जाएगा। इसलिए 20 जून से शनिवार, रविवार तथा सोमवार की बुकिंग बंद कर दी जाएगी। भक्त सप्ताह के शेष दिनों की बुकिंग करा सकेंगे।