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मध्य प्रदेश सहित देश के करीब 140 मेडिकल कॉलेजों को दी गई अनुमति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले याचिकाकर्ता आनंद राय मंगलवार को जजों के सामने रो पडे। यह वाकया उस समय हुआ, जब कोर्ट ने आनंद राय से याचिका को लेकर सवाल पूछना शुरू किया।
कोर्ट ने पूछा, कि उनका इस मामले से क्या लेना-देना है। इस मामले को किसी को दिक्कत होनी चाहिए थी, तो वह एमसीआई (मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया) को होना चाहिए था। इसके बाद तो आनंद राय रोने लगे। इस पर जज ने कोर्ट स्टाफ से उन्हें पानी पिलाने को कहा। साथ ही उन्हें शांत रहने की सलाह दी।
सुप्रीम कोर्ट ने इसी बीच पूरे मामले को उनने के बाद आनंद राय की याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि यदि उन्हें इस मामले में कोई आपत्ति है, तो वह उसे लोढा कमेटी के सामने रखे। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को जस्टिस अनिल दवे और जस्टिस नागेश्वर राय इस मामले को सुन रहे थे।
कोर्ट ने इस मामले में शुरू से कड़ा रुख अख्तियार करते हुए याचिकाकर्ता के वकील पराग त्रिपाठी से आनंद राय को कोर्ट सर्किल में पेश करने को कहा। इस दौरान जैसे ही आनंद राय सामने आए, तो कोर्ट ने सवाल दागा, कि आपका इस मामले से क्या लेना-देना है। सवाल सुनने ही आनंद राय असहज स्थिति में आ गए और रोने लगे।
थोडी देर बाद संभलकर आनंद राय ने कहा कि वह व्यापमं घोटाले के व्हीसल ब्लोअर है। उन्होंने इस मामले में भी गड़बडी पायी है। जिसके तहत इन सभी मेडिकल कॉलेजों को लोढा कमेटी ने गलत तरीके से दाखिले की अनुमति दी है, जबकि दाखिले की अनुमति का अधिकार सिर्फ एमसीआई के पास है। हमने पब्लिक इंटेस्ट में यह याचिका दाखिल की है।
इस पर कोर्ट ने पूछा कि उन्होंने यह बाते जस्टिस लोढा कमेटी को क्यों नहीं बताई। कोर्ट ने आखिरकार याचिका को खारिज कर दिया और निर्देश दिया, कि वह इस मामले को जस्टिस लोढा कमेटी के सामने रखे। बता दें कि एमसीआई के काम-काज की निगरानी के लिए गठित जस्टिस लोढा कमेटी ने पिछले दिनों मध्य प्रदेश सहित देश के करीब 140 मेडिकल कॉलेजों को प्रवेश शुरु करने की अनुमति दी थी।
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