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कश्मीर घाटी में बर्फ से ढंके पहाड़ों और दिल को छू लेने वाले नजारों को देखने का एक अलग ही अनुभव आपको जल्द मिलने वाला है। भारतीय रेलवे इस जगह आपको ऐसा अनुभव देने की तैयारी कर रही है, जिसे आप कभी नहीं भुला पाएंगे। इसके लिए रेवले कश्मीर रेल लाइन पर शीशे की छत वाले कोच चलाने को तैयार है।
अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए पिछले साल जून में घोषित विस्टाडोम कोच पहले से ही पहुंच चुका है और इसे मई में ट्रैक पर चलाया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि 40 सीटों का कोच यात्रियों को सुखद अनुभव प्रदान करेगा। आईआरसीटीसी ने जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग के सहयोग से ग्लास कोच पेश किया है।
कश्मीर में विस्टाडोम कोच, मुंबई और गोवा के बीच अराकू घाटी और पश्चिमी घाटों में सफल प्रदर्शन के बाद लाए जा रहे हैं। एसी कोच में बड़े ग्लास की खिड़कियों, कांच की छत, ऑब्जर्वेशन लाउंज और घूमने वाली सीटें लगी होंगी। जो यात्रियों को बारामुल्ला से बनिहाल तक के 135 किमी रेल ट्रैक के रास्ते में लुभावने नजारे और सुंदर प्रकृति को देखने का बेहतरीन अनुभव देंगी।
इन कोचों के कोच में ऐसी सीट्स (डबल वाइड रिक्लाइनिंग सीट्स) लगी होंगी, जिससे चारों ओर से बेहतरीन पैनारोमिक व्यू को देखने के लिए 360 डिग्री घुमाया जा सकता है। इस ट्रेन में कांच की छत, स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे, सामान रखने की रैक, मनोरंजन के लिए एलईडी स्क्रीन और जीपीएस सूचना प्रणाली भी लगी हुई है। शुरुआत में 40 सीट वाला एक कोच ट्रेन से जोड़ा जाएगा। बाद में यात्रियों की प्रतिक्रिया के बाद दूसरों कोच लगाने का फैसला किया जाएगा।
राज्य पर्यटन विभाग स्थानीय ट्रैवल एजेंटों को भी इसमें शामिल करने की भी योजना बना रहा है, जो कश्मीर आने वाले यात्रियों के लिए पैकेज को कस्टमाइज कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि आईआरसीटीसी ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ऐसे 60 कोच बनाने का आदेश दिया है।
पिछले साल, रेल मंत्रालय ने मुंबई-गोवा मार्ग पर एक सी-थ्रू विस्टाडोम कोच पेश किया था। ग्लास कोच के अलावा, रेलवे ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वातानुकूलित कोच को माउंटेन रेलवे में चलाने का फैसला किया है।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अप्रैल 2017 को आंध्र प्रदेश में एसी विस्टाडोम कोच वाली देश की पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। ये विशाखापट्टनम से किरंदुल के बीच चली थी। सफर के दौरान ट्रेन हिल स्टेशन अराकू घाटी से भी गुजरी।
विस्टाडोम का यह कोच वातानुकूलित था और इसे खासतौर पर डिजाइन किया गया है। इसके बारे में यह दावा किया जा रहा है कि यह भारतीय रेलवे में अपनी तरह का पहला है। रेलवे ने बताया है कि प्रायोगिक आधार पर ट्रेन में इस तरह का एक कोच लगाया गया है, जबकि अन्य कोच जल्द लगाएं जाएंगे।
तब प्रभु ने कहा था कि कहा कि विस्टाडोम कोचों को देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पहली बार शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में भी एक ही मार्ग पर इसी तरह का कोच बाद में लगाया जाएगा। अब इसकी सफलता को देखते हुए अब इसे कश्मीर में भी चलाया जा रहा है।
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