भोपाल/इंदौर। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर बैंककर्मियों की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल दूसरे दिन शनिवार को भी जारी रही। इस दौरान मध्यप्रदेश के करीब सात हजार बैंक शाखाओं में ताले लटके रहे और इन शाखाओं के 22 हजार से अधिक कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहे। शनिवार को सुबह भोपाल में बैंक कर्मियों ने विशाल रैली निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की, जबकि इंदौर में बैंक कर्मियों ने कमिश्नर कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर कमिश्नर आकाश त्रिपाठी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के जिला अध्यक्ष किशोर जेवरिया ने बताया कि आईबीए द्वारा बुलाई गई बैठक में वेतन पुनरीक्षण समझौता वार्ता विफल होने के कारण नौ बैंक यूनियंस द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल की गई है, जिसमें देशभर के 10 लाख बैंक कर्मचारी-अधिकारी शामिल हैं। इसमें मध्यप्रदेश के करीब 22 हजार बैंक कर्मी शामिल हैं। यह हड़ताल शनिवार को भी जारी रही। हड़ताल के दूसरे दिन भी प्रदेश की सात हजार बैंक शाखाओं में कामकाज पूरी तरह ठप रहा। कर्मचारियों की प्रमुख मांगें हैं कि 20 फीसदी वेतन में बढ़ोतरी हो, बैंकों में हफ्ते में पांच दिन काम, बेसिक में स्पेशल भत्ता, एनपीएस खत्म हो, परिवार पेंशन में सुधार, स्टाफ वेलफेयर फंड का लाभ के आधार पर बांटना, रिटायरमेंट राशि को आयकर मुक्त किया जाए।
हड़ताल के दूसरे दिन भी बैंक कर्मियों ने शनिवार को भोपाल समेत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। भोपाल में अरेरा हिल्स से रैली निकाली गई, जबकि इंदौर में बैंक कर्मियों ने कमिश्नर कार्यालय का घेराव कर कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा। यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के जिला संयोजक मोहनकृष्ण शुक्ला ने बताया कि इस दो दिवसीय हड़ताल के चलते मध्यप्रदेश में करीब सात लाख करोड़ का लेन-देन प्रभावित हुआ है। रविवार को छुट्टी होने के कारण बैंक बंद रहेंगे, जिससे कारण चेक क्लीयरिंग के साथ ही अन्य तरह का लेन-देन ठप पूरी तरह रहेगा। हालांकि, नेट बैंकिंग, मोबाइल बैकिंग और एटीएम चालू हैं, लेकिन तीन दिन बैंक रहने से एटीएम में भी नकदी की दिक्कत आ सकती है।