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राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए दोनों पक्षों को कोर्ट के बाहर मामला सुलझाने की नसीहत दी है। इस पर फैसले के लिए कोर्ट ने 31 मार्च तक का समय दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर मामले पर अहम टिप्पणी करते हुए मंगलवार को कहा कि दोनों पक्ष आपस में मिलकर इस मामले को सुलझाएं। अगर जरूरत पड़ती है तो सुप्रीम कोर्ट के जज मध्यस्थता को तैयार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राम मंदिर का मामला धर्म और आस्था से जुड़ा है। इस मामले में कोर्ट की टिप्प्णी के बारे में जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने बताया कि कोर्ट ने दोनों पक्षों को बातचीत के लिए अगले शुक्रवार यानी 31 मार्च तक का समय दिया है।
संघ के राकेश सिन्हा ने कहा कि ये मामला आस्था का है इस पर सहमति से फैसला होना चाहिए वहीं इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे जवाद ने कहा कि जो अदालत का फैसला होगा वो हमें मंजूर होगा। वहीं कल एक अहम सुनवाई होने वाली है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती और मुरलीमनोहर जोशी समेत 17 लोगों को बाबरी विध्वंस की साजिश का आरोपी बनाया जा सकता है।
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