Patrakar Priyanshi Chaturvedi
युद्धग्रस्त सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के सैन्य ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद रूस काफी गुस्से में है। सीरिया में पिछले करीब 6 साल से चले आ रहे विद्रोह संकट में असद के साथ खड़े रूस ने अमेरिका की इस कार्रवाई के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई।
अमेरिका ने कहा है कि केमिकल हमले के बाद वह सीरिया के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे। हालांकि उन्होंने इनके बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया। चीन ने सीरिया संकट का हल राजनीतिक ढंग से निकालने की पैरवी की है।
उधर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी सदस्य निकी हेली ने शुक्रवार को इस हमले को बिल्कुल जायज कार्रवाई करार दिया। उन्होंने कहा, केमिकल हथियार दागकर दर्जनों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था, इसलिए यह कार्रवाई की गई।
हेली ने कहा, हम अभी ऐसे और हमलों के लिए तैयार हैं, लेकिन उम्मीद करते हैं कि इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। उधर फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा है कि कथित केमिकल हमले के बाद अमेरिका ने सीरिया पर जो कार्रवाई की है वह संयुक्त राष्ट्र के बैनर तले की जानी चाहिए थी।
सीरिया में अमेरिका द्वारा 59 टॉमहॉक मिसाइलें दागे जाने के बाद जहां कई लोगों के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अचानक विलेन से हीरो बन गए हैं। वहीं सीरिया में युद्ध के खिलाफ भी लोगों ने ट्रंप टावर के बाहर प्रदर्शन किया।
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