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2008 के मुंबई हमलों के मास्टर माइंड हाफिज सईद ने जमायत-उल दावा की राजनीतिक विंग मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) के लिए प्रचार शुरू कर दिया।
हालांकि संगठन को चुनाव आयोग ने मान्यता नहीं दी है, क्योंकि गृह विभाग से उसे अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिला है। हाफिज का कहना है कि पाक के शत्रु देश के प्रतिष्ठानों को आपस में लड़ाना चाहते हैं, जिससे उनके मंसूबे पूरे हो सकें।
लाहौर से तकरीबन 400 किमी दूर स्थित हारुनाबाद में एक रैली में उनका कहना था कि हमें उनके एजेंडे को फेल करने के लिए एक रहना होगा। उनके साथ सैनिक तानाशाह रहे जनरल जियाउल हक के बेटे इजाजुल हसन भी मौजूद थे।
सईद ने कहा कि पाक सरकार को अपनी भारत नीति में परिवर्तन करना चाहिए। उसने इस बात की पुष्टि की कि 2018 का आम चुनाव उनकी पार्टी एमएमएल के बैनर तले लड़ेगी।
उनका दावा है कि वह पाक की आर्थिक स्थिति को सबल बनाने के लिए काम करना चाहते हैं। गौरतलब है कि सईद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख रहा है।
अमेरिका ने उसे व उसके संगठन को प्रतिबंधित कर दिया तो उसने जमायत-उल-दावा के जरिये अपना काम काज शुरू कर दिया। अमेरिका ने उसे वैश्विक आतंकी की अपनी सूची में शुमार कर रखा है।
अमेरिकी ने पिछले माह एमएमएल को भी को विदेशी आतंकी संगठन करार दिया था। उसका कहना है कि लश्कर-ए-तैयबा के सदस्यों ने इसका गठन किया है।
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