छोटी उम्र में घर देता है बड़ा फायदा
छोटी उम्र में घर देता है बड़ा फायदा
प्रदीप करम्बलेकरक्या आप जानते हैं कि निवेश के लिए लक्ष्यों और रणनीतियों की पहचान कैसे होती है, और उसके अनुसार निवेश कैसे होता है ? क्या आपको पता है कि लोगों के लिए सबसे आम लक्ष्य क्या है ? यह है एक घर खरीदना और यह स्वाभाविक भी है, इसमें लाखों रूपए की लागत है और यह लाखों रूपए का सौदा भी है । एक समय था जब लोग अपने जीवन का अधिकांश समय किराए के घरों में या कम्पनी के लिए क्वार्टर में बिताते थे और घर खरीदने के बारे में रिटायरमेंट से थोड़ा पहले सोचना शुरू करते थे । लेकिन अब सोच बदल रही है और अधिक से अधिक लोग अपने घर को, अपने २० साल या ३० साल की उम्र में खरीद रहे हैं । यह एक बहुत ही स्वस्थ प्रवृत्ति है । अपने प्रारंभिक जीवन में अपना घर खरीदना बहुत ही समझदारी का काम है । आइये देखें क्यों ?एक परिसंपत्ति का निर्माण :- सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब आप एक घर खरीदते हैं, आप एक परिसंपत्ति (एसेट) खरीद रहे हैं और जिसका अभिमूल्यन (एप्रिशिएसन) होता है। जब आप युवा होते हैं और आपके पास कुछ अतिरिक्त धन होता है, तो आप कुछ बड़े आइटम जैसे कार, फैंसी सेल, फोन, एलसीडी टीवी या लैपटॉप खरीदने के लिए प्रलोभित हो सकते हैं । लेकिन इन चीजों का विमूल्यन (डेप्रिशिएसन) होता है, इसका अर्थ है कि उनका मूल्य हर दिन घटता है । जिस पल आप इन चीजों को दुकान से बाहर ले जाते हैं, उसी पल इनका मूल्य २०-२५ प्रतिशत तक घट जाता है । इस तरह के बड़े आइटम कर्ज (लोन) पर खरीदना और भी बदतर है, आप एक ऐसी चीज खरीदते हैं जिसका मूल्य हर दिन नीचे जाता है और आप इसके लिए ब्याज का भुगतान करते हैं । एक घर इससे अलग है, यह एक अभिमूल्यन होने वाली परिसंपत्ति है । समय के साथ इसका मूल्य बढ़ जाता है, अल्पावधि में इसकी कीमत में उतार चढ़ाव हो सकता है, लेकिन लंबे समय में अचल संपत्ति की कीमत हमेशा ऊपर जाती है और यह तार्किक भी है, आपूर्ति और (भूमि) सीमित है, लेकिन जैसे जैसे आबादी बढ़ती जाएगी, इसकी मांग बढ़ती जाएगी और शहरों में मांग काफी तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि अधिक से अधिक लोग शहरों में बसना चाहते हैं । इस प्रकार, घर हमेशा एक लाभ वाला सौदा है । लक्ष्य की जल्दी प्राप्ति :- जैसा कि मैने उल्लेख किया है, घर खरीदना ज्यादातर लोगों की इच्छा सूची के शीर्ष पर होता है । इसको जल्दी प्राप्त करने का यह मतलब है कि आपने एक प्रमुख लक्ष्य को प्राथमिकता देकर प्राप्त कर लिया है । किराए की बचत :- आपको कहीं न कहीं तो रहना है, यदि आप घर खरीदते नहीं हैं, तो आप इसे किराए पर लेते हैं । जिसका अर्थ है कि आप हर महीने किराये का भुगतान करेंगे और किराया एक डूबती लागत (संक कॉस्ट) है । आप राशि का भुगतान करते हैं और वह चली जाती है । आपके लिए कोई संपत्ति नहीं बनती। आपको किराया भुगतान के आधार पर किराए के मकान में रहने को तो मिलता है, लेकिन आप किराया भुगतान के बदले में किसी भी संपत्ति का निर्माण नहीं करते हैं । यदि आप एक घर खरीदते हैं, तो आप पूरा किराया बचाते हैं । आप हर महीने ईएमआई के रूप में थोड़ी अधिक राशि का भुगतान जरूर करते हैं, लेकिन उसके बदले में आप अपनी खुद की, अभिमूल्यन होने वाली परिसंपत्ति का भी निर्माण भी तो करते हैं । (दखल)(प्रदीप करम्बलेकर री-मैक्स विजन रियलेटर के एम.डी. हैं)
Dakhal News 22 April 2016

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