Patrakar Priyanshi Chaturvedi
उत्तर कोरिया के साथ बढ़े तनाव के बीच जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने सोमवार को देश में मध्यावधि चुनाव कराने का एलान कर दिया। शिंजो को उम्मीद है कि कमजोर विपक्ष और उत्तर कोरिया पर कड़े रुख के कारण वह सत्ता में बने रहेंगे।
दिसंबर, 2012 में सत्ता में आए शिंजो की लोकप्रियता कई घोटालों के कारण पिछले कुछ महीनों में काफी घट गई थी। जुलाई में तो यह न्यूनतम स्तर पर बताई जा रही थी। लेकिन हाल के दिनों में उत्तर कोरिया के साथ तनातनी ने स्थानीय राजनीति का रुख शिंजो के पक्ष में कर दिया।
हालिया सर्वेक्षणों में उनके सत्ता में बने रहने का अनुमान लगाया गया है। एबी ने सोमवार को कहा, 'मैं 28 सितंबर को संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा को भंग कर दूंगा।' उन्होंने हालांकि मतदान की तारीख की घोषणा नहीं की है। लेकिन मीडिया में आई खबरों के अनुसार, जापान में 22 अक्टूबर को चुनाव कराए जाएंगे।
हालिया सर्वे बताते हैं कि देश के मतदाता उत्तर कोरिया को लेकर एबी के कड़े रुख का समर्थन करते हैं। उत्तर कोरिया ने इसी महीने जापान के ऊपर से दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं और जापान को समुद्र में डुबोने की धमकी दी थी।
बिजनेस अखबार निक्की के सर्वे के मुताबिक, 44 फीसद वोटर एबी की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी को वोट देने की सोच रहे हैं। जबकि महज आठ फीसद मतदाता विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के पक्ष में खड़े दिखाई पड़ रहे हैं।
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