Patrakar Priyanshi Chaturvedi
भारत और अफगानिस्तान ने लंबे समय से चले आ रहे सहयोग और मित्रवत रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए आज कहा कि दुनिया के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती बन चुके आतंकवाद का वे मिलकर मुकाबला करेंगे।
भारत यात्रा पर आए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति डा. मोहम्मद अशरफ गनी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच आज यहां हुई द्विपक्षीय बैठक के बाद दोनों नेताओं की ओर से जारी संयुक्त बयान में क्षेत्र की शांति, स्थायित्व और विकास के लिए आतंकवाद को सबसे बडी बाधा मानते हुए सभी रुप में इसे जड़ से खत्म करने की जरूरत पर बल दिया गया और कहा कि इसके लिए वह परस्पर सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे।
दोनों देशों ने इसके साथ ही सभी पक्षों से आतंकवाद को प्रश्रय और संरक्षण देने वाली गतिविधियों पर लगाम लगाने की अपील की। इस अवसर पर अफगानिस्तान के पुननिर्माण तथा आर्थिक और राजनीतिक बदलाव की प्रक्रिया को सफल बनाने में भारत के योगदान को भी रेखांकित किया गया।साथ ही अफगानिस्तान में शिक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, कौशल विकास, महिला सशक्तीकरण और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए भारत की ओर से एक अरब डॉलर की वित्तीय मदद की घोषणा भी की गई।
दोनों पक्षों ने यह स्वीकार किया कि भारत और अफगानिस्तान के बीच सभी स्तरों पर नियमित विचार विमर्श ने रणनीतिक साझीदारी को दिशा देने के साथ ही हर क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बनाने का काम किया है। इस सदंर्भ में संसद भवन और अफगानिस्तान-भारत मैत्री बांध के निर्माण में भारत के सहयोग पर प्रसन्नता जताई गई। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि भारत एक मजबूत, संगठित, लोकतांत्रिक, संप्रभुता संपन्न और समृद्ध अफगानिस्तान देखना चाहता है और इसके लिए अपनी ओर से हर संभव मदद जारी रखेगा।
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