Patrakar Priyanshi Chaturvedi
खबर मुंबई से ।डोकलाम में चीन से चल रहे विवाद के बीच मुंबई स्कूल प्रिंसिपल एसोसिएशन ने एक नई पहल की है। चीन की हठधर्मिता का जवाब देने के लिए छात्रों से अपील की जा रही है कि वह चीनी माल खरीदने से गुरेज करें। एसोसिएशन का कहना है कि अपने नेताओं के हाथ मजबूत करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
मुंबई स्कूल प्रिंसिपल एसोसिएशन के अधिकार क्षेत्र में तकरीबन 15 सौ स्कूल हैं। छात्रों को 1962 के भारत-चीन युद्ध का इतिहास पढ़ाया जा रहा है। शिक्षक उन्हें बता रहे हैं कि कैसे चीन ने पीठ में छुरा मारकर हमारी जमीन हथिया ली। फिर उनसे अपील की जा रही है कि वह अपने परिवार को भी इस बारे में जागरूक करें और चीनी सामान खरीदने से गुरेज करें। इस बाबत ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इसे और प्रभावी बनाने के लिए एसोसिएशन अपनी बैठक में विचार करेगी। सर्वसम्मति से यह पारित हो जाएगा तो कुछ और भी प्रावधान इस दिशा में किए जा सकते हैं।
फिलहाल उद्देश्य मुंबई महानगर के सभी विद्यार्थियों को जागरूक करना है। हालांकि एसोसिएशन केवल अपील कर रही है। छात्रों के लिए ऐसी कोई अनिवार्यता घोषित नहीं की गई है। एसोसिएशन के सचिव प्रशांत रेडिज का कहना है कि कानूनी बाध्यता व अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौते को ध्यान में रखते हुए वह केवल अपील कर रहे हैं। छात्रों को जागरूक करके बताने की कोशिश है कि चीनी माल का बहिष्कार करने से भारत के हाथ मजबूत होंगे। उनका कहना है कि बच्चे कल देश के नागरिक बनेंगे, उन्हें पता होना चाहिए कि चीन किस तरह का खतरा है।
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