चन्द्रशेखरन टाटा संस के नए प्रमुख
चन्द्रशेखरन टाटा

 

टाटा संस ने टीसीएस के सीईओ एन चंद्रशेखरन को नया चेयरमैन बनाया है। वो अब रतन टाटा की जगह लेंगे जो अभी ग्रुप के अंतरिम चेयरमैन हैं। 7 लाख करोड़ के टर्नओवर वाले टाटा ग्रुप की गुरुवार को हुई बैठक में ये फैसला लिया गया।

उन्हें सायरस मिस्त्री को हटाने के बाद रतन टाटा ने टाटा संस के बोर्ड में शामिल किया था। चंद्रशेखरन 21 फरवरी को पद संभालेंगे। वो टाटा ग्रुप के पहले गैर पारसी चेयरमैन होंगे। टीसीएस के सीफओ राजेश गोपीनाथन को टीसीएस का नया सीईओ बनाया गया है।

एन चंद्रशेकरन को उनके जानने वाले चंद्रा कहकर बुलाते हैं। चंद्रा पढ़ाई पूरी करने के बाद किसान बन गए थे। वो अपने पिता के खेत में काम करते थे। जब त्रिची के रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज ने मास्टर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन का कोर्स शुरू किया तो चंद्रा ने इसमें एडमिशन ले लिया।

1986 में पढ़ाई खत्म होने के दौरान उन्होंने टीसीएस में 2 महीने का प्रोजेक्ट किया। 1987 में बिना कंपनी में अप्लाई किए उन्हें टीसीएस में नौकरी का ऑफर मिला जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। 54 साल के चंद्रा 30 साल के करियर में एक सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर से अब देश के सबसे बड़े ग्रुप टाटा संस के चेयरमैन के पद पर पहुंच चुके हैं।

टाटा संस के नए चेयरमैन लंबी मैराथन दौड़ने के शौकीन हैं। वो न्यूयॉर्क, शिकागो, मुंबई और बंगलौर में होने वाली मैराथन में दौड़ते हैं। उनकी फोटोग्राफी और संगीत में भी रूचि है। चंद्रा टीसीएस के 2009 से सीईओ हैं। इससे पहले वो कंपनी में सीओओ का काम देख रहे थे। उनको टाटा संस के बोर्ड में 25 अक्टूबर को शामिल किया गया।

सरकार ने 2016 में चंद्रा को रिजर्व बैंक के बोर्ड में डायरेक्टर भी नियुक्त किया था। उनकी लीडरशिप में टीसीएस ने 2015-16 में 1.12 लाख करोड़ की आय कमाई। इस कंपनी का मार्केट कैप 4.7 लाख करोड़ है।

पिछले साल अक्टूबर में सायरस मिस्त्री को हटाने के बाद 5 सदस्यों की सिलेक्शन कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी में रतन टाटा के अलावा टीवीएस चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन, बेन कैपिटल के अमित चंद्रा, पूर्व राजनयिक रोनेन सेन और वारविक यूनिवर्सिटी के कुमार भट्टाचार्य थे। भट्टाचार्य को छोड़कर बाकि सभी टाटा संस के बोर्ड में शामिल हैं।

चंद्रा के अलावा लैंड रोवर के सीईओ भी चेयरमैन की दौड़ में थे। इसके अलावा यूनिलिवर के पूर्व सीओओ हरीश मनवानी, हेथेवे बर्कशायर के अजित जैन, सिटी ग्रुप के पूर्व सीईओ विक्रम पंडित और पेप्सीको की सीईओ इंदिरा नूयी के नाम भी टाटा संस के चेयरमैन की दौड़ में थे। रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा का नाम भी इस दौड़ में था।

चंद्रशेखरन ऐसे समय में चेयरमैन बने हैं जब टाटा ग्रुप पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री के साथ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। मिस्त्री ने ट्रिब्यूनल में टाटा संस से उनको हटाए जाने को चुनौती दी है। सायरस मिस्त्री के काम से खुश नहीं होने से रतन टाटा ने उन्हें अक्टूबर में चेयरमैन के पद से हटा दिया था।

 

 

Dakhal News 13 January 2017

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