Patrakar Priyanshi Chaturvedi
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सेबी-सहारा मामले पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सहारा को 13 अप्रैल तक 5 हजार करोड़ रूपये जमा कराने को कहा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की एंबी वैली की नीलामी का आदेश दिया है। निवेशकों का पैसा लौटाने में सहारा विफल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सेबी और बॉम्बे हाईकोर्ट को सभी कागजात मिलते ही नीलामी की प्रक्रिया पर काम करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय सहारा को 28 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने को कहा है। सितंबर 2012 में एंबी वैली की कीमत लगभग 34,000 करोड़ रूपये तक आंकी गई थी।
इससे पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह से कहा था कि अगर वह 17 अप्रैल तक सेबी-सहारा रिफंड खाते में 5,092.6 करोड़ रुपये जमा नहीं कराता है, तो उसकी पुणे की एंबी वैली की नीलामी की जाएगी। कोर्ट ने सहारा समूह को यह रकम जमा कराने का निर्देश दिया था।
बता दें कि सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय तथा दो अन्य निदेशकों रविशंकर दुबे व अशोक राय चौधरी को ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प लिमिटेड द्वारा 31 अगस्त, 2012 तक निवेशकों का 24,000 करोड़ रुपये का रिफंड करने के आदेश का अनुपालन नहीं करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, एक निदेशक वंदना भार्गव को हिरासत में नहीं लिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई, 2016 को सुब्रत राय को अपनी मां की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए चार हफ्ते का पैरोल दिया था। उसके बाद से उनके पैरोल को बढ़ाया गया है। राय को 4 मार्च, 2014 को तिहाड़ जेल भेजा गया था, लेकिन फिर कोर्ट ने पिछले साल 28 नवंबर को सुब्रत राय को 6 फरवरी तक रिफंड खाते में 600 करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश देते हुए कहा था कि अगर वह ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें फिर जेल भेज दिया जाएगा।
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