भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में आयोजित होने वाले आईफा अवार्ड समारोह को लेकर सरकार पर फिर निशाना साधा है। इस बार उन्होंने कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को घेरते हुए गंभीर आरोप भी लगाए हैं। साथ में अपने आरोपों को पुख्ता करने के लिए सोशल मीडिया पर एक समाचार पत्र की कटिंग की साझा की है।
उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि '' प्रदेश सरकार #IIFA2020 में व्यस्त हैं। फिल्मी सितारों के ग्लैमर में मदहोश है। इसे आम जनता का दर्द दिखाई नहीं दे रहा है। गाड़ियां फूंकी जा रही हैं, गुंडों की पौ बारह है, चारों तरफ त्राहि-त्राहि मची है, लेकिन सरकार कुंभकरणी निद्रा में सो रही, आखिर कब तक सोती रहेगी? #MP_मांगे_जवाब''। पूर्व मुख्यमंत्री ने इससे पहले भी एक ट्वीट कमलनाथ सरकार को घेरते हुए उस पर गंभीर आरोप लगाते हुए किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि 'कांग्रेस सरकार पर सत्ता का नशा सिर चढ़कर बोल रहा है। इसीलिए अतिथि विद्वानों और उनके परिवार की पीड़ा दूर करने व उनका हक देने की बजाय करोड़ों रुपए #IIFA अवॉर्ड की चकाचौंध पर उड़ाने के लिए सरकार बावली है। अतिथि विद्वानों के बच्चों और परिवार की हाय सरकार को ले डूबेगी। मध्यप्रदेश जवाब मांग रहा है' ।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में लम्बे समय से शासकीय महाविद्यालयों में पढ़ा रहे अतिथि विद्वान नियमितिकरण की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र जिसे उसने वचन पत्र का नाम दिया था उसमें भी इन अतिथि विद्वानों के नियमित करने का जिक्र है, इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री चौहान बार-बार इस मुद्दे पर कमलनाथ सरकार से कह रहे हैं कि कांग्रेस सरकार अपने वचन पत्र में कही बातों को अमल में लाए। प्रदेश की जनता से वादा खिलाफी ना करे। वहीं, उनका कहना यह भी है कि आईफा अवार्ड समारोह में प्रदेश का धन खर्च करने के बजाए पहले प्रदेश की सरकार प्रदेश की समस्याओं का हल करे, उन पर व्यय करने पर ध्यान दे।