Dakhal News
21 January 2025
अफगानिस्तान में मुल्ला उमर के बाद आतंक का दूसरा नाम माना जाने वाले जलालुद्दीन हक्कानी की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई। जलालुद्दीन को अफगानिस्तान में दफनाया गया। वह अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क का संस्थापक था।
माना जाता है कि मुल्ला उमर की मौत के बाद तालिबान को एक रखने में हक्कानी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।जलालुद्दीन का बेटा सिराजुद्दीन फिलहाल इस आतंकी समूह का प्रतिनिधित्व करता और वह तालिबान का उप-नेता भी है।
अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने ने हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन की मौत की घोषणा की। वहीं, निगरानी समूह एसआईटीई ने अफगान तालिबान के बयान के हवाले से बताया, ‘उसने अल्लाह के धर्म के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना किया। साथ ही उसने अपने जीवन के आखिरी वर्षों के दौरान लंबी बीमारी का भी सामना किया।'
हक्कानी नेटवर्क की स्थापन सोवियत संघ के खिलाफ जिहाद के लिए की गई थी। जलालुद्दीन अफगान मुजाहिद्दीन का कमांडर था जो 1980 में अफगानिस्तान के सोवियत कब्जे से अमेरिका और पाकिस्तान की मदद से लड़ता था। बाद में जलालुद्दीन तालिबान सरकार में मंत्री भी बना।
साल में 2001 तालिबान सरकार के गिर जाने के बाद हक्कानी भाग खड़ा हुआ और उसने दोबारा हथियार उठा लिए थे। उसने ओसामा बिन लादेन सहित अरबी जिहादियों के साथ करीबी संबंध बनाए थे।
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4 September 2018
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