मोदी का सीक्रेट प्लान आपरेशन ब्लैक मनी
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कालेधन की सर्जिकल स्ट्राइक का  चक्रव्यू छह महीने पहले अपने दो खास विश्वसनीय अफसरों के साथ मिलकर रचा था. मोदी के इस चक्रव्यू का द्वार तोड़ना आसान ही नहीं बल्कि नाममकिन होगा. इसी के चलते तो मोदी ने अपने पीएमओ कार्यालय ही नहीं अपनी सरकार के मंत्रियों को भी इस खबर से बेखबर रखा। 

क्यों रखा मोदी ने अपना सीक्रेट प्लान ?

दरअसल पीएम मोदी उन अरबपतियों को टारगेट कर रहे थे, जिनकी सांठगांठ मंत्रालय के मंत्रियों से रहती है. और तो और इसीलिए पीएम ने मोदी ने अपनी सरकार बनते ही तमिलनाडु के साफ सुथरी छवि वाले1980 बैच के तेज तर्रार आईएएस अफसर शक्तिकांत दास को कृषि मंत्रालय के फर्टिलाइजर विभाग में तैनात किया. फिलहाल पीएम मोदी की कसौटी पर ये आईएएस अफसर खरा उतरा. जिसके चलते पीएम मोदी उनके काम से प्रभावित हुए और उनकी तैनाती वित्त मंत्रालय में राजस्व का कार्य सौप दिया. बस इसके बाद तो इस अफसर के कामों ने तो मोदी का दिल ऐसा जीता की वह उनके दिल में बस गए.

छह महीने पहले ही बन गयी थी योजना 

इसके चलते पीएम मोदी ने उनकी तैनाती पिछले साल 29 सितंबर 2015 को आर्थिक सचिव पद पर तैनात किया. इसके साथ वह रिजर्व बैंक का भी कामकाज देख रहे थे. बताया जाता है कि पिछले छह महीने से मोदी इस चक्रव्यू को रचने की तैयारी में थे. जिसके चलते ही पीएम ने जनधन योजना के तहत पहले हर आदमी को बैंक के खाते से जोड़ा, जिससे देश का सारा काम डेविड कार्ड से हो और कालेधन की समान्तर व्यवस्था की जा सके. नतीजतन वित्त मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ सौरभ गर्ग की सिक्योरटी में करोड़ों रुपये के 500 और 1000 रुपये के नोट की भरपाई के लिए 500 और 2000 रुपये की नई नोट पहले से छाप कर इस स्ट्राइक से पहले रख ली जाएं. मगर इस बात की भनक किसी को न लगे. इसके लिए गोपनीय तरीके से इन नोटों को छापने का काम किया जाये.

काम तो कठिन था, लेकिन बड़े भरोसे का था. यहां तक कि इस बात की भनक रिजर्व बैंक के बड़े अफसरों तक को नहीं थी. यही नहीं किसी भी बैंक को भी इस बात की भनक नहीं लगी. विदित हो कि काले धन की वापसी के लिए इनकम डिक्लेरेशन स्कीम (आईडीएस) शुरू कर 23 जुलाई से 30 सितंबर तक का समय अपनी संपत्ति घोषित करने के लिए दिया था.जिसके चलते कई लोगों ने अपनी संपत्ति घोषित कर 65 . 250 करोड़ रुपये सरकार के खाते में जमाकर लगान अदा की. लेकिन रियल स्टेट, फेक करेंसी और आतंकवादी संगठनों पर ख़र्च किया जाने वाला पैसा इस योजना से नहीं आ सका. एमविट कैपीटल के आकंड़े बताते हैं कि भारत में 30 लाख करोड़ रूपया इन तीन कामों में इधर से उधर घूम रहा है.

तो इसीलिए की गयी थी रघुराज राजन की छुट्टी 

फिलहाल सितंबर महीने में रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराज राजन की छुट्टी करते हुए मोदी ने इसीलिए अपने खास और सबसे भरोसेमंद अफसर उर्जित पटेल की तैनाती करने के लिए उन्हें प्रोन्नति देकर उन्हें रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया. इसके बाद मोदी ने अपने सबसे भरोसेमंद दोनों अफसरों शक्तिकांत दास और उर्जित पटेल के साथ फंसे हुए कालेधन की सर्जिकल स्ट्राइक का वो चक्रव्यू तैयार किया, जिसका द्वार कोई लांघ न सके. काम कठिन था. लेकिन इरादे साफ थे. इसीलिए पीएम मोदी ने कई रात जागकर इन अफसरों के साथ गोपनीय बैठकें भी की. 

 

Dakhal News 10 November 2016

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