Patrakar Priyanshi Chaturvedi
राष्ट्रगान के सम्मान में खड़ा होना होगा थियेटर में
सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, देश के सभी सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए। राष्ट्रगान बजाया जा रहा है तो वहां मौजूद लोगों को अपनी जगह पर खड़ा होकर सम्मान देना होगा।
इस दौरान 52 सेकंड वाली राष्ट्रगान की धून बजाई जाएगी और स्क्रीन पर तिरंगा भी दिखाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने कहा, राष्ट्रगान बजाया जा रहा है तो वहां मौजूद सभी लोगों को उसका सम्मान करना जरूरी है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि वह इस फैसले के पालन के लिए सभी राज्यों के मुख्य सचिवों तक आदेश की प्रति पहुंचाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी आपत्ति जाहिर की कि कहीं-कहीं राष्ट्रगान को कमर्शियल एक्टिविटिज में इस्तेमाल किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट श्याम नारायण चौकसे की याचिका पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट की ओर से यह भी कहा गया कि ड्रामा क्रिएट करने के राष्ट्रगान का इस्तेमान नहीं होना चाहिए।
इससे पहले फिल्म ' कभी खुशी कभी गम' के दौरान मुंबई के एक सिनेमा हॉल में बवाल मचा था। कुछ लोगों ने एक मुस्लिम परिवार के साथ बदसलूकी की थी, क्योंकि वे कथिततौर पर राष्ट्रगान बचाए जाते समय खड़े नहीं हुए थे।
मुंबई के सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान के दौरान खड़े न होने पर एक मुस्लिम परिवार को हंगामे के बाद बाहर निकलना पड़ा था। यह घटनाक्रम नवंबर 2015 का था। वाकया पीवीआर सिनेमा थिएटर का है, जहां फिल्म की शुरुआत में राष्ट्रगान होने पर यह परिवार खड़ा नहीं हुआ। इसे लेकर वहां मौजूद कुछ लोगों से उनकी जोरदार बहस भी हुई। इसी बीच सिनेमा हॉल में मौजूद एक अन्य व्यक्ति ने इस पूरे प्रकरण का विडियो बना लिया।
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