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वर्ष 2018 के पहले छह महीनों में अफगानिस्तान में जारी संघर्ष और आतंकी हमलों में रिकॉर्ड 1,692 आम नागरिकों की मौत हुई है। इन हमलों में 3,430 नागरिक घायल हुए। अफगानिस्तान में कार्यरत संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने रविवार को ये ताजा आंकड़े जारी किए हैं। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने यूएनएएमए के हवाले से बताया कि ये आंकड़े इस साल एक जनवरी से 30 जून के बीच के हैं।
पिछले 10 वर्षों की तुलना में इस साल पहले छह महीनों में ही सबसे अधिक आम नागरिकों की जान चली गई। रिपोर्ट के अनुसार, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमने 2009 से इस संबंध में निगरानी रखने की व्यवस्था की थी। मौत की पहली बड़ी वजह इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस(आइईडी) का इस्तेमाल है। इस विस्फोटक का इस्तेमाल आतंकी आत्मघाती हमले सहित अन्य हिंसक गतिविधियों में करते हैं।
आइईडी के प्रयोग से करीब आधे आम नागरिकों की मौत हुई है। मौत की दूसरी बड़ी वजह सेना और आतंकियों की बीच जारी संघर्ष है। इनमें हवाई हमले और आमने-सामने की लड़ाई शामिल है। 67 फीसद नागरिकों की मौत तालिबान व अन्य कट्टरपंथी संगठनों के हमले में गई। वहीं, 20 फीसद की जान सेना के हमले में गई। बाकी बचे 13 प्रतिशत की मौत अन्य कारणों से हुई है।
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