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अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्तान पर आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया है। अमेरिका के सेना प्रमुख ने कहा है कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क की पाकिस्तान की सीमा में सुरक्षित पनाहगाह हैं और अगर पाक अपनी जमीन पर इसी तरह आतंकवाद को आश्रय देता रहा तो अफगानिस्तान में आंतकवाद पर लगाम लगाना मुश्किल होगा। अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इससे पहले पाकिस्तान पर आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध कराने का आरोप लगाया था।
अमेरिकी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मार्क ए मिली ने कांग्रेस की सुनवाई के दौरान सांसदों को यह जानकारी दी। जनरल मिली ने कहा, 'ऐसे किसी आतंकवाद को मिटाना बहुत मुश्किल है, जिसकी किसी अन्य देश में सुरक्षित पनाहगाह हो। इस समय तालिबान, हक्कानी और अन्य संगठन ऐसा ही कर रहे हैं। असल में इनके पाकिस्तान में सुरक्षित ठिकाने हैं। पाकिस्तान यदि इन आतंकवादी समूहों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाता है, तो इनको खत्म करना बेहद मुश्किल है।'
सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में आंतकवाद को समाप्त करने के लिए आंतकवाद के खतरे को कम करना होगा, जिसे आंतरिक सुरक्षा बल नियमित रूप से कर सकते हैं। जनरल मिली ने कहा, 'यह करने के लिए आप को अनिवार्य रूप से कई काम करने होंगे। यह जरूरी है कि पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम लगाने में हमारा साथ दे। यह क्षेत्रीय समाधान है। यह पाकिस्तान को शामिल करने वाली क्षेत्रीय रणनीति का हिस्सा है।'
मेलजोल के संबंध में प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान सरकार विपक्षी गुटों के साथ मिल कर एक तरह की राजनीतिक सुलह करने की अब सही दिशा पर चल रही है और अमेरिका इस प्रयास का समर्थन करता है। ये भी एक समाधान हो सकता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में सैनिकों की मौजूदगी अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है।
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