भोपाल। रीवा लोकायुक्त पुलिस ने योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग रीवा संभाग के संयुक्त संचालक आरके झारिया को डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए सोमवार को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उनके रीवा तथा भोपाल स्थित ठिकानों पर छापे की कार्रवाई देर रात तक होकर मंगलवार सुबह तक चलती रही। इस कार्रवाई के दौरान अकेले उनके भोपाल में कोलार स्थित घर से 36 लाख नगद की राशि बरामद हुई है। वहीं रीवा के ठिकानों को मिलाकर यह राशि चालीस लाख रुपए से अधिक व नगदी सहित करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति का खुलासा लोकायुक्त पुलिस द्वारा किया गया है ।
उनके इस भ्रष्टाचार का खुलासा तब हुआ जब संयुक्त संचालक ने विधायक निधि से काम कराने वाले ठेकेदार को प्रशासनिक स्वीकृति दिलाने के नाम पर रिश्वत की मांग की। लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक रीवा राजेंद्र वर्मा ने बताया है कि पिछले दिनों ठेकेदार संतोष (34) पिता रामनिवास द्विवेदी निवासी रतहरा ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की थी कि योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के संभागीय संयुक्त संचालक आरके झारिया विधायक निधि से स्वीकृत कार्य में प्रशासनिक अनुमति दिलवाने के एवज में 3 प्रतिशत राशि की मांग कर रहे हैं। विधायक निधि से ग्रामीण क्षेत्र में पानी का टैंकर व 10 गांवों में यात्री प्रतीक्षालय बनवाने के लिए विधायक निधि से 71 लाख 22 हजार 500 रुपये की धनराशि जारी की गई थी। इस काम में प्रशासनिक अनुमति दिलाने के लिए रिश्वत की मांग की जा रही है।
लोकायुक्त एसपी राजेन्द्र वर्मा ने बताया कि इस शिकायत के बाद लोकयुक्त पुलिस सक्रिय हुई और डेढ़ लाख में सौदा तय किया गया। हमने अपने साथी प्रवेंद्र कुमार, निरीक्षक अनूप सिंह ठाकुर के नेतृत्व में 16 सदस्यीय टीम का गठन कर कार्रवाई के निर्देश दिए। जिसके बाद संयुक्त संचालक आरके झारिया को डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है। अब कार्रवाई के बाद आरोपित को जमानत दे दी गई है।
उधर, भोपाल लोकायुक्त के उप पुलिस अधीक्षक नवीन अवस्थी के नेतृत्व में भोपाल में कोलार क्षेत्र स्थितउनके निजी निवास पर छापे की कार्रवाई की गयी, जिसमें लोकायुक्त पुलिस को 36 लाख रुपये नगद, पौने दो किलो सोना एवं चांदी बरामद हुई है। इसके अलावा उनके दो बैंक लॉकरों का भी पता चला है। लोकयुक्त पुलिस से जुड़े अधिकारिक सूत्रों ने इस कार्रवाई को लेकर बताया कि पहले यह छापा सोमवार सुबह तय 11 बजे डाला जाना था लेकिन लोकायुक्त टीम ने अचानक से अपनी योजना में फेरबदल किया ओर इसे शाम पांच बजे का कर दिया, जोकि जांच आगे फिर पूरी रात चलती रही। अपने तय समय के अनुसार ठेकेदार रिश्वत की रकम लेकर जैसे ही संयुक्त संचालक आरके झारिया को देने उनके कार्यालय में पहुंचा तभी लोकायुक्त टीम ने रिश्वत लेते हुए संयुक्त संचालक को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था।