धोनी ने कप्तानी से कहा अलविदा
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देश के सबसे सफल क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हैरानी भरा कदम उठाते हुए बुधवार को भारतीय टीम के सीमित ओवरों के कप्तान का पद छोड़ दिया। जिससे कप्तान के रूप में उनके बेहतरीन करियर का अंत हुआ। भारत को 2 विश्व कप और चैम्पियन्स ट्राफी जिताने वाले 35 वर्षीय धोनी ने इंग्लैंड  के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज शुरू होने से महज 11 दिन पहले कप्तानी छोड़कर क्रिकेट जगत को स्तब्ध कर दिया। धोनी के इस फैसले के बाद टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली के सीमित ओवरों की टीम की कमान संभालने का रास्ता भी साफ हो गया है।

कप्तानी छोड़ने की इच्छा जाहिर करते हुए धोनी ने हालांकि चयन समिति को सूचित किया है कि वह इंग्लैंड के खिलाफ 15 जनवरी से शुरू हो रही 3 एकदिवसीय और इतने ही टी-20 मैचों की सीरीज में चयन के लिए उपलब्ध रहेंगे।

धोनी ने एकदिवसीय क्रिकेट में अब तक 283 मैचों मंे 50.89 की बेहतरीन औसत से 9110 रन बनाए हैं, जिसमें नाबाद 183 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। इसके अलावा उन्होेंने 73 टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 1112 रन भी बनाए। सुप्रीम कोर्ट के लोढा समिति की सिफारिशेें लागू नहीं करने पर बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को पद से हटाने के एक दिन बाद धोनी ने यह घोषणा की।

धोनी की अचानक की गई घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने कहा, ‘प्रत्येक भारतीय क्रिकेट प्रशंसक और बीसीसीआई की ओर से मैं सभी प्रारूपों में भारतीय टीम के कप्तान के रुप में असाधारण योगदान के लिए महेंद्र सिंह धोनी को धन्यवाद देना चाहता हूं। उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने नयी ऊंचाइयां छुई और भारतीय क्रिकेट में उनकी उपलब्धियों को भी कोई नहीं छू पाएगा।’

इससे पहले धोनी ने 2014 में आस्ट्रेलिया दौरे के दौरान मेलबर्न में अचानक टेस्ट कप्तानी भी छोड़ दी थी। धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान रहे। भारत ने उनके नेतृत्व में 2007 में आईसीसी टी-20 विश्व कप, 2011 में आईसीसी एकदिवसीय विश्व कप, 2013 में आईसीसी चैम्पियन्स ट्राफी जीती और 2009 में टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचा। अब इंग्लैंड में इसी साल होने वाली चैम्पियन्स ट्राफी संभवत: इस बात का संकेत होगी कि धोनी खिलाड़ी के रूप में 2019 विश्व कप तक खेलेंगे या नहीं।

एकदिवसीय मैचों की कमी, विराट की बेहतरीन फॉर्म ने बनाया दबाव

भारत की सीमित ओवरों की क्रिकेट टीम की कप्तानी छोड़कर बुधवार को सबको हैरान करने वाले महेंद्र सिंह धोनी संभवत: लंबे समय तक प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूर रहने के कारण यह फैसला लेने के लिए बाध्य हुए। धोनी खिलाड़ी के रूप में उपलब्ध रहेंगे, लेकिन इंग्ालैंड में इस साल होने वाली चैम्पियंस ट्रॉफी इस बात का संकेत हो सकती है कि वह खिलाड़ी के रूप में 2019 विश्व कप तक खेलेंगे या नहीं। भारत को 2 विश्व कप दिलाने वाले धोनी इंग्ालैंड के खिलाफ 77 दिन बाद प्रतिस्पर्धी मैच खेलेंगे। चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने भी हाल में नागपुर में झारखंड के रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल के दौरान धोनी ने लंबी बात की थी, जहां निश्चित तौर पर उनके भविष्य को लेकर चर्चा हुई। धोनी की फिटनेस और विकेटकीपिंग पर कोई सवाल नहीं उठा सकता लेकिन पर्याप्त मैच खेलने के लिए नहीं मिलने और विराट कोहली की बेहतरीन फार्म ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी थी।

धोनी के सफल करियर का जश्न मनाने का दिन : सचिन

खेल जगत ने धोनी को उनकी शानदार कप्तानी करियर के लिए बधाई दी। सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘यह दिन उनके सफल करियर का जश्न मनाने और फैसले का सम्मान करने का है।’ देश के सबसे सफल कप्तान धोनी ने भारत के सीमित ओवरों के कप्तान का पद छोड़कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। इस प्रकार उनका शानदार नेतृत्व का दौर समाप्त हुआ। मैंने उन्हंे आक्रामक खिलाड़ी से सटीक एवं निर्णायक कप्तान के रूप मंे उभरते देखा है। यह उनकी सफल कप्तानी का जश्न मनाने और उनके फैसले का सम्मान करने का दिन है।

‘काफी सोच-विचार कर लिया फैसला’

महेंद्र सिंह धोनी के मित्र और करीबी अरुण पांडे ने कहा कि इस दिग्गज क्रिकेटर ने भारत की सीमित ओवरों की टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला काफी सोच विचार करके लिया है। पांडे ने कहा, ‘आप इस तरह के फैसले रातों रात नहीं लेते। यह काफी सोच विचार करके लिया गया। धोनी ने सोचा कि यह हटने और विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में खेल जारी रखने का सही समय है।’ पांडे धोनी के व्यावसायिक हितों को भी देखते हैं। पांडे ने कहा, ‘उसका मानना है कि उसने टीम का मुख्य हिस्सा तैयार कर दिया है और यह कप्तानी छोड़ने का सही समय है।

Dakhal News 5 January 2017

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