Patrakar Priyanshi Chaturvedi
किसानों को मिलेगी बड़ी राहत
पन्ना में बाघ पुन:स्थापना करने के बाद मध्यप्रदेश वन विभाग ने विश्व के सामने फिर एक नई मिसाल पेश की है। आज वन विभाग की टीम ने मंदसौर जिले की सीतामऊ तहसील के इरा गाँव में बोमा तकनीक का इस्तेमाल करते हुए दो चरण में 9 नील गाय को सुरक्षित पकड़ कर गाँधी सागर के 367 वर्ग किलोमीटर के जंगल में छोड़ा। छोड़ी गयी नील गायों पर लाल रंग से निशान बना दिये गये है ताकि ये जंगल में अलग से पहचान में आ जायें।
वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने नील गाय पकड़ने के अभियान में संलग्न अधिकारी-कर्मचारी के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए बधाई दी है। डॉ. शेजवार ने कहा कि नील गायों पर काबू पाने से किसानों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि नील गाय को पकड़ने की तैयारी दीवाली के दो दिन पहले से चल रही थी। किसानों की फसल को क्षति से बचाने के लिए अनेक राज्यों ने इन्हें पकड़ने की कोशिश की पर नाकामयाब रहे। कुछ राज्यों ने किसानों की फसल बचाने के लिए इनके वध के आदेश जारी किये जिनकी काफी निन्दा हुई। रोजड़ को खुले में पकड़ने का यह पहला सफल प्रयास है।
बोमा तकनीक से वाहन के दोनों ओर एक-एक किलोमीटर की दीवारें बनाई गई। जिनमें घोड़ों और ग्रामवासियों की मदद से वन विभाग की टीम ने आज 9 नील गाय को पकड़कर वन में छोड़ा। यह कार्य वन विभाग के 150 अधिकारी-कर्मचारी 70 ग्रामीण और 30 घोड़ों की मदद से हो सका। आज मिली सफलता के बाद प्रयास निरंतर जारी रहेगा।
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