ईमानदारी से फसल की क्षति का आकलन करने के निर्देश
कटी हुई खराब फसलों को भी शामिल करें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि हाल ही में प्रदेश के जिन ग्रामों में ओला वृष्टि हुई है वहाँ तत्काल सर्वे पूरा किया जाय। उन्होंने कहा है कि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार किसानों के साथ है। वे 18 मार्च से खुद भी ओला प्रभावित क्षेत्रों में जायेंगे। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 जिले के 1000 से अधिक गाँवों में ज्यादा नुकसान हुआ है। वैसे प्रदेश में प्रभावित ग्रामों की संख्या 1400 से अधिक है।मुख्यमंत्री ने बैठक में स्पष्ट किया कि नुकसान के आकलन में ईमानदार दृष्टिकोण अपनाया जाय। सच्चाई से सर्वे किया जाये। न ज्यादा न कम। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे कोई भी काम रोकना पड़े हमें अपने किसानों के साथ इस संकट की घड़ी में खड़ा रहना है।बैठक में बताया गया कि प्रभावित ग्रामों में मुख्य रूप से गेहूँ और चने की फसल के साथ ईसबगोल और धनिया आदि को नुकसान हुआ है। इन सभी फसलों को मुआवजे में शामिल किया जायेगा।बैठक में मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस.के.मिश्रा, प्रमुख सचिव कृषि राजेश राजौरा एवं प्रमुख सचिव राजस्व अरूण तिवारी उपस्थित थे।समीक्षा के प्रमुख बिन्दुओलावृष्टि से हुए नुकसान की मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की समीक्षा।तीन विभाग का संयुक्त दल प्रभावित ग्रामों में पहुँचकर करेगा वास्तविक सर्वेक्षण।खेतों-खलिहानों में कटी फसल नष्ट होने/सड़ने पर भी मिलेगा मुआवजा।ईसबगोल, धनिया की क्षतिग्रस्त फसलें भी मुआवजे में शामिल।मानवीय दृष्टिकोण और ईमानदारी से होगा सर्वेक्षण।मुख्यमंत्री का 18 मार्च से ओला प्रभावित जिलों का सघन दौरा।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज देर शाम एक बैठक में ओला वृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि संयुक्त सर्वे दलों में राजस्व, कृषि और पंचायत के अमले को शामिल किया जाय। सर्वे के दौरान नुकसान के आकलन की जानकारी पंचायत में प्रकाशित की जाये। कटाई के बाद खेत-खलिहान में खराब हुई फसलों में भी मुआवजा दिया जाये।