Patrakar Priyanshi Chaturvedi
अंजलि दिव्यांग लोगों के बीच बनी मिसाल
हौसले अगर बुलंद हो तो मंजिल मिल ही जाती है | पैरों से दिव्यांग होने के बाद भी एक बेटी ने रिले रेस तैराकी में एशियन रिकॉर्ड बनाया समुद्र की लहरों को पार कर शार्क और डॉल्फिन के बीच से गुजरकर इस लड़की ने यह मुकाम हासिल किया | अब यह देश की बेटी दिव्यांगों के लिए मिसाल बन गई है |
छत्तीसगढ़ के जांजगीर की रहने वाली अंजली पटेल ने रिले रेस तैराकी में एशियन रिकॉर्ड बना कर प्रदेश का नाम रौशन कर दिया |पैरों से दिव्यांग होने के बाद भी छत्तीसगढ़ की इस बेटी ने कमाल कर दिया | अंजलि समुद्र में शार्क के बीच से गुजरी और तैराकी में रिकॉर्ड बनाया कहा जाता है कुछ करने का जूनून हो तो कुछ भी किया जा सकता है | रिले रेस तैराकी में एशियन रिकॉर्ड बनाने के बाद अंजलि लाखों दिव्यागों के लिए मिसाल बन गई है |
अंजली ने समुद्र की लहरों को भेदकर शार्क और डॉल्फिन के बीच से गुजरकर यह मुकाम हासिल किया |देश भर के छह पैरा तैराकों की इस टीम ने 35 किलोमीटर की दूरी 11 घंटे 46 मिनट 56 सेकंड में तैर कर पूरी की अंजली ने इसमें शामिल होने के लिए पांच लाख रुपये उधार लिए थे |
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