मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आनंद [हैप्पीनेस ]मंत्रालय के गठन, अवधारणा और संरचना पर विस्तार से चर्चा की और इसे अंतिम स्वरूप देने के लिये राज्य मंत्रि परिषद की आगामी बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री चौहान ने हाल में आनंद मंत्रालय बनाने की घोषणा की थी। ऐसा कदम उठाने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है।वहीँ कांग्रेस ने आनंद मंत्रालय को शिवराज सिंह के आनंद का विषय बताया है और सावल खड़ा किया है किस बात का आनंद है लोगों में शिवराज सिंह बताएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी विभाग नागरिकों के जीवन में खुशियाँ लाने के लिए काम करते हैं। इसलिए आनंद मंत्रालय सभी विभागों से जुड़कर काम करने वाला होना चाहिए। इसका स्वरूप भी इसी उददेश्य के अनुरूप होना चाहिये।वहीँ कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश सरकार के हैप्पीनेस मंत्रालय पर सवाल खड़े किये और कहा हैप्पीनेस मंत्रिमंडल क्या हैं , मुख्यमंत्री पहले इसकी व्याख्या करें , जनता परेशान फिर कैसी हैप्पीनेस ।
श्री चौहान ने आनंद मंत्रालय की सरंचना और गतिविधियों के संबंध में लोगों से ऑनलाइन सुझाव आमंत्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कार्य कर रहे मूर्धन्य विद्वानों से मार्गदर्शन लेने के लिये वे अपनी ओर से पत्र लिखेंगे। श्री चौहान ने कहा कि मूल्य आधारित विकास का अर्थ तभी पूरा होगा, जब नागरिकों में प्रसन्नता का प्रतिशत बढ़ेगा।
बैठक में बताया गया कि दुनिया के विभिन्न देश में अब नागरिकों के आनंद का प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में काम हो रहा है। इसे सुशासन का संकेतक माना गया है। अमेरिका में भी वेलनेस संस्थान कार्य कर रहा है। भूटान और सऊदी अरब में यह स्थापित हो गया है।
बैठक में प्रसन्नता का आकलन करने के प्रस्तावित मापदंडों पर भी चर्चा हुई। बताया गया कि वर्तमान में प्रति व्यक्ति आय, स्वास्थ्य, सामाजिक सहयोग, विश्वास, निर्णय लेने की स्वतंत्रता जैसे मापदंडों पर प्रसन्नता का आकलन किया जाता है। भूटान में आंतरिक खुशी, स्वास्थ्य, शिक्षा, समय का उपयोग, सांस्कृतिक बहुलता, सुशासन और सामुदायिक सहयोग जैसे संकेतकों का उपयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने भूटान में उठाए गए कदमों का अध्ययन करने अधिकारियों का दल भेजने पर भी सहमति दी।
बैठक में आनंद मंत्रालय के गठन के बाद नीतियों में जरूरी बदलाव करने पर चर्चा हुई। आनंद मंत्रालय की गतिविधियों को सोसाइटी के माध्यम से संचालित करने का प्रस्ताव दिया गया है। सोसाइटी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। संबंधित क्षेत्र में काम कर रहे सुयोग्य और अनुभवी व्यक्तियों को सदस्य के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक ऐसा मंच होगा, जिस पर समाज को दिशा देने वाले व्यक्ति एकत्र होंगे।