गायों की मौत पर जोगी ने उठाये सवाल
gay ki maut

 

 

छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस का बड़ा खुलासा

 

 

छत्तीसगढ़ के पूर्व  मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने सरकार पर उठाये सवाल । इतनी बड़ी घटना है गाय  को माता मानने वालो को डॉ रमन सिंह सरकार ने शर्मसार कर दिया है। नैतिक रूप से अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करना चाहिए ।

बीजेपी शासित राज्यो में ऐसी घटना हो रही है अब इनको धर्म निष्ट कहलाने का अधिकार नही है । गौ रक्षा के नाम मारपीट और हत्या कर देते है गाय की तस्करी हो रही है कोई रोकने वाला नही है यंहा 150 -150 गाय मर रही है । जोगी ने कहा घटना की उच्च स्तरीय जाँच हो और सम्बंधित लोगो को दण्डित किया जाए ।

 

 

जोगी ने बताया कि जांच दल को मिले पुख्ता साक्ष्य। 200 से ज्यादा गायों के हत्या के दोषी गौसेवा केंद्र को सरकार ने अनुदान के रूप में दी 50 लाख की भारी रकम।  छजकां का दावा- तीन दिन पूर्व गौसेवा आयोग क्रियान्वयन समिति की समीखा बैठक में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को मामले की जानकारी होते हुए भी उन्होंने इससे मुंह मोड़ा । साक्ष्यों के आधार पर कांकेर की घटना को गौवध करार देते हुए छजकां ने छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम एवं पशु क्रूरता अधिनियम के तहत पशुपालन मंत्री, दोषी विभागीय अधिकारियों सहित गौसेवा आयोग के सदस्यों एवं कामधेनु गौसेवा केंद्र के प्रबंधक के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करने की मांग की। "गौशालाओं" की आड़ में सरकार, भाजपा और संघ के पदाधिकारियों तथा उनके परिवार के सदस्यों को दे रही करोड़ों रुपये। गौसेवा के नाम पर करोड़ों के शासकीय अनुदान को डकारने का बड़ा खेल। 

 

छजकां ने गौसेवा केंद्र की गायों पर जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की मांग की ताकि उन्हें तस्करी और हत्या से बचाया जा सके। जोगी ने सरकार में आते ही इस सम्बंध में त्वरित निर्णय लेने का वादा किया। 13 अगस्त, 2016: कांकेर जिले के दुर्गुकोंदुल क्षेत्र के अंतर्गत कर्रामाड़ के कामधेनु गौसेवा केंद्र में 150 से ज्यादा गायों के भूख़-प्यास से मरने की घटना की जांच करने छजकां अध्यक्ष  अजीत जोगी द्वारा कल बनाये गए छः सदस्यीय जांच दल ने आज अपनी रिपोर्ट सौंपी।

 

कांकेर के कर्रामाड़ गए 

जांच दल के सदस्यों संजीव अग्रवाल, सूर्यकांत तिवारी, बलदाऊ मिश्रा, सुनील कुकरेजा, अमर गिडवानी एवं शंकर चक्रवर्ती ने देर रात लौटकर आज एक प्रेस वार्ता कर जांच के दौरान सामने आये अहम् तथ्यों को उजागर किया। 

 

छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग को छत्तीसगढ़ गौमेवा आयोग करार देते हुए छजकां अध्यक्ष  अजीत जोगी ने कहा कि गायों की सेवा करने की जगह उनकी सेवा के नाम पर पैसे खाने का धंधा चल रहा है आयोग में। छजकां अध्यक्ष श्री जोगी ने कहा कि कांकेर के कर्रामाड़ की दर्दनाक घटना ने छत्तीसगढ़ ही नहीं अपितु समस्त देशवासियों को शर्मसार किया है। कामधेनु गौसेवा केंद्र में हुई 200 से अधिक गायों की मौत सीधे सीधे गौहत्या है।

 

जांच करने गए छजकां के दल ने बैंक पासबुक की प्रति दिखाते हुए बताया कि कर्रामाड़ स्थित कामधेनु गौसेवा केंद्र को विगत दो वर्षों में सरकार ने लगभग 50 लाख की भारी रकम शासकीय अनुदान के रूप में दी है । लेकिन गौवंशी पशुओं के चारे एवं उनकी देखभाल के लिए मिले करोड़ों के इस अनुदान का गौसेवा केंद्र के भाजपा और संघ संरक्षित संचालकों एवं प्रबंधकों ने निजी उपयोग किया। अनुदान की सारी राशि स्वयं डकार गए और गायों को भूखे मरने के लिए छोड़ दिया। ग्रामीणों से बातचीत का वीडियो दिखाते हुए छजकां के जांच दल ने बताया कि स्थानीय लोग कई महीनों से गौसेवा केंद्र के संचालकों की शिकायत प्रशासन से कर रहे थे लेकिन प्रशासन ने शासन के दबाव में कोई कार्यवाही नहीं की और गौसेवा केंद्र के विरुद्ध शिकायतों को अनसुना कर दिया।

 

ग्रामीणों ने छजकां के जांच दल को बताया कि कामधेनु गौसेवा केंद्र के संचालक, गायों को चारा देने के बजाय उन्हें जंगल में ही छोड़ देते थे। लेकिन भारी वर्षा और बाढ़ के कारण पशु पिछले कई दिनों से जंगल नहीं जा पाए और भूख़ से तड़प तड़प कर मारे गए। इसके अलावा जांच दल को जांच के दौरान भारी अनियमताएं मिली।

 

विगत तीन वर्षों से गौसेवा केंद्र का नियमानुसार ऑडिट नहीं हुआ है। इस वर्ष अप्रैल से अब तक मरने वाले किसी भी पशु का पोस्टमॉर्टम नहीं किया गया। रिकॉर्ड के मुताबिक़ इस वर्ष अप्रैल में 356 गौवंशी पशु होने का दावा गौसेवा केंद्र ने किया जबकि छजकां के जांच दल को कल मौके पर केवल 137 गौवंशी पशु ही मिले। यानि पिछले तीन महीने में 219 से ज्यादा गायें मारी गयी। जो गायें बची हैं उसमे अधिकाँश बीमार हैं।  छजकां के जांच दल ने बताया कि जिस निर्दयता से जंगल में गायों को कचरे की तरह फेंक गया वो गाय को माता मनाने वाले सभी लोगों की आस्था का अपमान है। गौरक्षक होने का दंभ भरने वाले भाजपा और संघ के पदाधिकारी एवं उनके परिवार के सदस्य "गौशाला" की आड़ में सरकारी धन को लूट रहे हैं। गौरक्षा का मुखौटा पहन कर गुजरात एवं देश के अन्य राज्यों में दलितों पर अत्याचार करने वाले, राजस्थान में 500 से ज्यादा गायों  को मरने छोड़ने वाले ही दरअसल गौवध के असली दोषी हैं। 

 

छत्तीसगढ़ में "गौशालाओं" की आड़ में सरकार, भाजपा और संघ के पदाधिकारियों तथा उनके परिवार के सदस्यों को दे रही  है करोड़ों रुपये। पिछले दो वर्षों में सरकार ने 14 करोड़ का अधिकांश अनुदान भाजपा एवं संघ संरक्षित गौसेवा केंद्रों को दिया। करोड़ों के शासकीय अनुदान को डकारने का बड़ा खेल शासन प्रशासन एवं संचालकों की मिलीभगत से खेला जा रहा है । छजकां ने दावा किया कि तीन दिन पूर्व गौसेवा आयोग क्रियान्वयन समिति की समीखा बैठक में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को इस पूरे मामले की जानकारी थी लेकिन उन्होंने इस पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया। छजकां ने इस बैठक की पूरी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की है।

 

साक्ष्यों के आधार पर कांकेर की घटना को गौवध करार देते हुए छजकां ने छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम एवं पशु क्रूरता अधिनियम के तहत पशुपालन मंत्री, दोषी विभागीय अधिकारियों सहित गौसेवा आयोग के सदस्यों एवं गौसेवा केंद्र के संचालक के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करने की मांग की।छजकां ने गौसेवा केंद्र की गायों पर जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की मांग की ताकि उन्हें तस्करी और हत्या से बचाया जा सके। इस संबंध में श्री जोगी ने जनता से वादा किया कि सरकार में आते ही इस संबंध में त्वरित निर्णय लिया जाएगा। 

Dakhal News 13 August 2016

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.