Patrakar Priyanshi Chaturvedi
सेना ने जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के उन्नत रूप का बुधवार को लगातार दूसरा सफल परीक्षण किया। अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह पर हुए परीक्षण में मिसाइल की हमला करने की क्षमता सटीक साबित हुई। इसकी मारक क्षमता की फिर से पुष्टि करने के लिए ही यह परीक्षण किया गया है।
सेना ने बयान जारी का कहा कि लगातार पांचवीं बार ब्रह्मोस लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (एलएसीएम) के ब्लॉक-3 संस्करण का परीक्षण किया गया। बहु भूमिका वाली मिसाइल ने जमीन पर स्थित लक्ष्य को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। सेना ने कहा कि यह अविश्वसनीय उपलब्धि है। इस प्रकार के अन्य किसी हथियार ने ऐसी उपलब्धि हासिल नहीं की थी।
मिसाइल को मोबाइल ऑटोनोमस लांचर्स (एमएएल) से छोड़ा गया। भारतीय सेना 2007 में ब्रह्माोस की तैनाती करने वाली दुनिया पहली सेना है। उसने इस हथियार के कई रेजीमेंट बनाए हैं। भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्माोस मिसाइल जमीनी और समुद्र स्थित लक्ष्य के खिलाफ जमीन, समुद्र और हवा से मार करने में सक्षम है।
मिसाइल ने कृत्रिम लक्ष्य को "बुल्स आई" के साथ भेदा। उन्होंने बताया कि अपेक्षित अनुमान के अनुसार ही सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने जमीन पर स्थित लक्ष्य को भेदा है।
यह ब्लॉक-3 का पाचवां परीक्षण था। ब्रह्मोस का जमीन पर मार करने वाला प्रारूप सेना में 2007 से ही संचालन में है। ब्रह्मोस ब्लॉक-3 भारत-रूस संयुक्त परियोजना का हिस्सा है। यह रूसी पी-800 ओनिक्स मिसाइल पर आधारित है।
Dakhal News
|
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.
Created By:
Medha Innovation & Development |