Patrakar Priyanshi Chaturvedi
सुप्रीम कोर्ट के जिस फैसले के खिलाफ सोमवार को देश में बंद के दौरान जमकर हिंसा हुई उसे सर्वोच्च न्यायालय ने यथावत रखा है। कोर्ट ने यह आदेश केंद्र सरकार की उसके फैसले पर दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। हालांकि, इस दौरान कोर्ट ने अपने फैसले को लेकर पैदा हुई उन बिंदुओं को साफ किया है।
मंगलवार को केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि हम एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ नहीं हैं लेकिन किसी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए। मामले में कोर्ट ने सभी पार्टियों को दो दिन में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है वहीं इस मामले में 10 दिन बाद फिर सुनवाई होगी।
बता दें कि आज सुबह ही सुप्रीम कोर्ट याचिका पर खुली कोर्ट में सुनवाई के लिए तैयार हो गया। इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल ने जस्टिस एके गोयल से इस मामले में अपील की थी। जिसके बाद जस्टिस गोयल ने कहा था कि इस संबंध में अंतिम फैसला चीफ जस्टिस ही ले सकते हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी एक्ट को लेकर दिए गए फैसले को लेकर केंद्र सरकार ने सोमवार को ही पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी।
सोमवार को याचिका दायर करते हुए सरकार ने जल्द-से-जल्द और खुली अदालत में सुनवाई का आग्रह किया। सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश संविधान के अनुच्छेद 21 में अनुसूचित जाति, जनजाति को मिले अधिकारों का उल्लंघन करता है।
20 मार्च को दिए गए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने एससी, एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर सवाल उठाते हुए तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। कोर्ट के इस फैसले का देशभर के दलित समूहों ने विरोध किया था और इसी कड़ी में सोमवार को भारत बंद बुलाया था जिस दौरान कई राज्यों में हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में अकेले मध्य प्रदेश में ही 7 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा सैकड़ों लोग घायल हुए व करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।
Dakhal News
|
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.
Created By:
Medha Innovation & Development |