नरसिंहपुर। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट को लेकर ज्योतिष एवं द्वारका-शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने सवाल उठाये हैं। उन्होंने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ट्रस्ट के गठन में राम मंदिर की लड़ाई लडऩे वालों की अनदेखी की गई है।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने शुक्रवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर जिले के झोतेश्वर मंदिर में पूजन-अर्चन के बाद मणिदीप आश्रम में मीडिया से बातचीत की। इस दौरान पत्रकारों द्वारा राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए पांच सौ वर्षों से लड़ाई लड़ी जा रही है। जो लोग इस लड़ाई में शामिल रहे, उनकी अनदेखी कर ट्रस्ट का गठन किया गया है। राम मंदिर के लिए अदालत में इस लड़ाई लडऩे वाले कानून के जानकरों को भी ट्रस्ट में शामिल नहीं किया। यहां तक हिन्दू समाज के प्रतिनिधियों, शंकराचार्यों और धर्माचार्यों को भी इससे दूर रखा गया।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इशारों पर काम कर रही है। उन्होंने राम मंदिर ट्रस्ट में गठन में साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें संघ से जुड़े लोगों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के अध्यक्ष नित्य गोपाल पर आपराधिक प्रकरण चल रहे हैं, ढांचा गिराने में उनकी प्रमुख भूमिका थी। वहीं, जिन्होंने कार सेवकों पर गोली बरसाने का कार्य किया था, उनको भी ट्रस्ट में शामिल कर केंद्र सरकार ने पुरस्कृत किया गया है। उन्होंने बताया कि मार्च के प्रथम सप्ताह में झोतेश्वर में विराट साधु-संत समागम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देशभर के साधु-संत और हिन्दू समाज के लोग शामिल होंगे। इस दौरान राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।