Patrakar Priyanshi Chaturvedi
हमेशा दोगली बातें करने वाले पाकिस्तान और वहां के दोगले प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का कहना है कि उरी आतंकी हमला कश्मीर के हालात के खिलाफ स्थानीय बाशिंदों की प्रतिक्रिया का परिणाम हो सकता है।इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए शरीफ ने उस बुरहान वानी की तारीफ की, जिसके आतंकवादी होने पर किसी को शक नहीं है। बल्कि वानी जिस हिज्बुल मुजाहिदीन का सदस्य था, वह खुद ही अपने को जिहादी संगठन बताता है। उन्होंने यह कहते हुए भारत की आलोचना भी की कि पड़ोसी देश बिना किसी सबूत के पाकिस्तान पर आरोप लगा देता है।
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेने के बाद पाकिस्तान लौटते समय लंदन में पत्रकार से शरीफ ने यह बात कही।बकौल शरीफ, उरी हमला कश्मीर में भारतीय सेना के हाथों मारे गए लोगों के परिजनों द्वारा लिया गया एक बदला हाेे सकता है। पूरी दुनिया जानती है कि भारतीय सेना कश्मीर में क्या कर रही है। पिछले दो माह के दौरान वहां पर सौ से अधिक लोगों की मौत हुई है और इससे भी कहीं ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
यूएनजीए में कश्मीर के मसले पर करारी शिकस्त के बाद उन्होंने लंदन में भारत पर जमकर आरोप लगाए। उन्होंने यहां तक कहा कि भारतीय सेना मासूम कश्मीरियों पर अत्याचार कर रही है। पाकिस्तान पर अंगुली उठाने से पहले भारत को यह देखना चाहिए कि वह कश्मीर में क्या कर रहा है।नवाज ने कहा कि वह कश्मीर में शांति बहाली के लिए इस हमले की संयुक्त जांच कराने के लिए तैयार हैं। लेकिन यह तब तक संभव नहीं है जब तक कश्मीर का मुद्दा सुलझा नहीं लिया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए शरीफ ने उस बुरहान वानी की तारीफ की, जिसके आतंकवादी होने पर किसी को शक नहीं है। बल्कि वानी जिस हिज्बुल मुजाहिदीन का सदस्य था, वह खुद ही अपने को जिहादी संगठन बताता है। उस हथियारबंद दहशतगर्द को कश्मीरियों के शांतिपूर्ण संघर्ष का प्रतीक बताकर नवाज शरीफ ने अपने को और बेनकाब किया। अब इसे दुस्साहस ही कहेंगे कि खुलेआम आतंकवाद का महिमामंडन करते हुए भी उन्होंने बातचीत से समस्याओं के समाधान और भारत से अच्छे संबंध रखने के प्रति अपने को वचनबद्ध बताया! किंतु उन्होंने वार्ता के लिए जो शर्तें रखीं, वे सीधे तौर पर भारत के अंदरूनी मामलों में दखल हैं। पाकिस्तान आखिर किस हक से कश्मीर से सेना वापसी या वहां गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग कर सकता है?
संतोषजनक है कि इस ढिठाई का करारा जवाब देने में भारत ने देर नहीं लगाई। इंगित किया कि शरीफ के भाषण से साफ हो गया है कि पाकिस्तान आतंकवादी देश है। और ये बात सिर्फ भारत नहीं कह रहा। एक दिन पूर्व ही अमेरिका के दो सांसदों ने पाक को आतंकवादी देश घोषित करने के लिए बिल पेश किया था। और फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा के सामने अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति सरवर दानिश ने आतंकवाद और पाकिस्तान के संबंधों का कच्चा-चिट्ठा खोलकर रख दिया। कहा कि 'अच्छे और बुरे दहशतगर्दों" के बीच फर्क कर पाकिस्तान आतंकवाद पर दोहरी नीति अपनाता है, जिससे विश्व शांति खतरे में पड़ रही है। दुनिया जानती है कि तालिबान के नेता कहां रहते हैं। फिर उन्होंने उन मामलों का जिक्र किया जब अमेरिकी विश्वविद्यालयों पर हमला करने की साजिश पाकिस्तानी जमीन पर रची गई। दो-टूक लहजे में उन्होंने विश्व प्रतिनिधियों के सामने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों पर कार्रवाई नहीं करता।
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