कटनी कलेक्टर जांगरे को हटाया
अब होगी निलम्बन की कार्यवाही
मध्यप्रदेश शासन ने कटनी कलेक्टर प्रकाश जांगरे को हटाकर भोपाल भेजने के आदेश जारी कर दिए। प्रकाश जांगरे के खिलाफ ईओडब्ल्यू में शराब ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के मामले में एफआईआर दर्ज होने पर यह आदेश किए गए हैं। लोकायुक्त पुलिस जबलपुर ने कटनी कलेक्टर प्रकाश जांगरे और जिला आबकारी अधिकारी (डीओ) आरसी त्रिवेदी समेत आधा दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया था।प्रकाश जांगरे को निलंबित भी किये जाने पर सरकार विचार कर रही है।
कलेक्टर जांगरे और डीओ त्रिवेदी पर आरोप है कि साल 2016-17 के लिए कटनी जिले में शराब ठेकों की नीलामी में कुछ ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए बिना अर्नेस्ट मनी के शराब ठेके शुरू करा दिए थे। इससे शासन को 6 करोड़ का आर्थिक नुकसान हुआ।
कलेक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के पीछे लोकायुक्त पुलिस का तर्क है कि किसी भी शराब नीलामी प्रक्रिया में कलेक्टर लाइसेंस अथॉरिटी होता है। साल 2106-17 में जो गड़बड़ी कटनी जिले में हुई उसमें कलेक्टर जांगरे ने बिना तफ्तीश किए ठेके की प्रक्रिया शुरू करवा दी थी। इससे उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई है।
हो सकते है निलंबित
IAS प्रकाश जांगरे से जुड़े ताज घटनाक्रम के बाद सरकार हुई संक्रीय।मुख्यमंत्री के स्वदेश आते ही होगे निलंबन के आदेश। कटनी जिले के बहुचर्चित फर्जी डिमाण्ड ड्राफ्ट से शराब ठेका दिलवाने के मामले में कटनी कलेक्टर प्रकाश जांगरे और जिला आबकारी अधिकारी आर सी त्रिवेदी के विरुध्द लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13b के तहत FIR दर्ज की है। आरोप है कि अपने पद का दुरूपयोग करते हुए कलेक्टर और जिला आबकारी अधिकारी ने ठेकेदारों से मिलीभगत कर ठेके कि अमानत राशि के रूप में फर्जी DD जमा करवाई थी जिससे शासन को 7 करोड़ से अधिक की राजस्व की हानि हुई। इस घोटाले के चलते जिले की शराब दुकानों का ठेका निरस्त करना पड़ा। इस बहुचर्चित मामले में दोषी बैंक अधिकारियो के खिलाफ पहले ही FIR दर्ज की जा चुकी है और बैक प्रबंधन ने उसे निलम्बित कर दिया है जबकि इस घोटाले का मास्टर माइंड शराब ठेकेदार अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।