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उज्जैन के राजाधिराज भगवान महाकाल के विवाह और प्राकट्य का दिवस शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर्व के रूप में मनाया जाएगा। तैयारियों स्वरूप ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। भगवान के निराकार और फिर दूल्हा स्वरूप में दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु शहर में जुटे हैं। प्रशासन ने 30 घंटों में 3 लाख श्रद्धालुओं को दर्शन कराने का बंदोबस्त किया है। सर्वार्थ सिद्धि योग में गर्भगृह के पट खुलेंगे और परंपरागत भस्मारती की जाएगी।
महाशिवरात्रि पर्व पर ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के द्वार 45 घंटे सतत खुले रहेंगे। मंदिर प्रशासन ने शुक्रवार सुबह 6 से शनिवार सुबह 12 बजे तक सभी आम और खास श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन नंदी हॉल में लगे बेरिकेट के पीछे से कराने की व्यवस्था की है।
कलेक्टर संकेत भोंडवे ने कहा है कि महाकुंभ सिंहस्थ की तर्ज पर गर्भगृह में सभी आम और खास लोगों का प्रवेश निषेध रहेगा। शीघ्र, सुलभ और सुरक्षित दर्शन कराने को 3 हजार से ज्यादा अफसर-कर्मचारियों और मानसेवियों की ड्यूटी लगाई है।
पौराणिक मान्यता है कि फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी (महाशिवरात्रि) को भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था और इसी दिन ब्रह्माजी के अंश से शिवलिंग का प्राकट्य हुआ था। इस बार ये संयोग 32 साल बाद प्रदोषकाल में बना है, जो नितांत शुभ और मंगलदायी है।
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