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खबर नई दिल्ली से अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में वयोवृद्ध भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ,उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी समेत अन्य आरोपियों पर केस चलता रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है। सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा कि केस लखनऊ में चल सकता है, लेकिन दो साल में सुनवाई पूरी हो जाए।
इससे पहले गुरुवार को सीबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि लगभग 195 गवाहों को लखनऊ ट्रायल कोर्ट में पेश किया जा चुका है। लगभग 300 से ज्यादा लोगों की गवाही होनी बाकी है। वहीं रायबरेली कोर्ट में 57 गवाहों को पेश किया जा चुका है और 100 को पेश किया जाना है।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि 14 लोग, जिनमें कुछ भाजपा नेता हैं, लखनऊ कोर्ट से बरी हो चुके हैं, उन्हें भी लखनऊ कोर्ट में पेश किया जाना चाहिए। 1992 की घटना में आरोपियों के खिलाफ 2 एफआईआर दर्ज हुई हैं।
मामला अयोध्या ढांचा विध्वंस में साजिश का मुकदमा चलाने का है। सीबीआई ने एसएलपी दाखिल कर इन नेताओं सहित 11 लोगों को आरोपमुक्त करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के 20 मई 2010 के आदेश को चुनौती दी है।
सीबीआई ने आडवाणी, जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह सहित उन सभी आरोपित नेताओं, जिनके खिलाफ रायबरेली की अदालत में मुकदमा चल रहा है, पर लखनऊ की विशेष अदालत में कारसेवकों के साथ संयुक्त ट्रायल चलाने की मांग की थी। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने सभी पक्षों को लिखित जवाब दाखिल करने की छूट दी थी।
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