गोपाल भार्गव का बड़ा बयान मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने की अटकलों के बीच छलका दर्द
भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज कैबिनेट के विस्तार को लेकर उठा पटक जारी है। बताया जा रहा है कि एक जुलाई को मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि इस बार शीर्ष नेतृत्व सिंधिया समर्थक चेहरों के साथ युवाओं को मंत्रिमंडल में मौका देना चाहता है। अगर ऐसा होता है तो भाजपा के कई वरिष्ठ विधायक, मंत्री पद से वंछित रह जाऐंगे। ऐसे हालात में पार्टी में विरोध के स्वर तेज हो सकते हैं। इन अटकलों के बीच आठ बार से विधायक रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का बड़ा बयान सामने आया है। गोपाल भार्गव के बयान के बाद सियासी गलियारों में हडक़ंप मच गया है। खासतौर से भाजपा में इसका खास असर देखने को मिल रहा है।
दरअसल कैबिनेट विस्तार की अटकलों के बीच भाजपा की पिछली तीन सरकारों में मंत्री रह चुके और आठ बार के विधायक गोपाल भार्गव ने मंगलवार को एक बयान देकर सभी को चौंका दिया है। उन्होंने कैबिनेट विस्तार को लेकर कहा है कि भाजपा भी वही गलती कर रही है जो कांग्रेस ने की थी। पार्टी को वरिष्ठ नेताओं का सहयोग लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र के फार्मूले को प्रदेश में लागू नहीं करना चाहिए। बताते चले कि जिन संभावित नामों को मंत्रिमंडल से बाहर किया जाना है, उनमें से एक नाम गोपाल भार्गव का भी है। उनके इस बयान को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने से जोडक़र देखा जा रहा है। हालांकि पार्टी भार्गव को मनाने के लिए उन्हें विधानसभा अध्यक्ष का पद दे सकती है।
बताते चले कि अगर प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार में केंद्रीय नेतृत्व का फॉर्मूला चलता है तो गोपाल भार्गव, विजय शाह, सुरेंद्र पटवा, रामपाल सिंह, राजेंद्र शुक्ला, प्रेम सिंह पटेल, पारस जैन, नागेंद्र सिंह, करण सिंह वर्मा, जगदीश देवड़ा, गौरीशंकर बिसेन, अजय विश्नोई, भूपेंद्र सिंह का मंत्री बनना मुश्किल नजर आ रहा है। यह सभी चेहरे शिवराज खेमे के माने जाते हैं।