आतंकियों का सपना था देश को दहलान
aatanki atif

 

 भोपाल- उज्जैन पैसेंजर ट्रैन में ब्लास्ट करने वाले आतिफ और उसके साथियों ने भारत में तबाही मचाने की कसम खाई थी। इन आतंकियों ने पांच साल पहले ही तय कर लिया था कि देश को एक ना एक दिन दहलाना है। इसके साथ ही वह इंडिया में इस्लामिक स्टेट का चीफ बनने का सपना भी पाले बैठा था। करीब पांच साल से ये अपना ग्रुप बनाने की तैयारी कर रहा था। इस ग्रुप का ब्रेन वाश गौस मोहम्मद खान करता था। आतिफ और गौस मोहम्मद ही खुरासान माड्यूल के सरगना है। सूत्रों की मानी जाए तो पिपरिया से गिरफ्तार हुए आतिफ, दानिश अख्तर और सैयद मीर प्रदेश एटीएस और एनआईए के सामने ने चौंकाने वाले खुलासे कर रहे हैं। आतिफ ने बताया कि वह अजहर से वर्ष 2011 में मिला था। इसके बाद दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। अजहर को कल कानपुर में गिरफ्तार किया गया है। पांच साल से आतिफ और अजहर एयरफोर्स के रिटायर्ड एयरमैन गौस मोहम्मद के संपर्क मेंआए और इसके बाद इन्होंने भारत में तबाही मचाने की कसम खाई। इन तीनों से पूछताछ करने के लिए यहां पर उत्तर प्रदेश और तेलंगाना की पुलिस भी आई हुई है। 

आतिफ ने फरवरी में अपनी मां रेहाना को फोन कर कहा था कि वह जल्द ही दुबई जाने वाला है। सारी तैयारी हो चुकी है और वह दुबई से उन्हें पैसा भेजेगा। यह फोन उसने लखनऊ से किया था। 

आतिफ का पासपोर्ट उत्तर प्रदेश पुलिस ने जब्त कर लिया है। मध्य प्रदेश एटीएस की सूचना पर उत्तर प्रदेश एटीएस ने आतिफ के लखनऊ स्थित किराए के मकान की तलाशी ली, उसमें यह पासपोर्ट मिल गया है। बाकी आतंकियों के भी पासपोर्ट का पता लगाया जा रहा है।

वहीं मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश एटीएस खुरासान माड्यूल के पकड़ाए सभी आतंकियों के बैंक खातों की जानकारी खंगालने जा रही है। मध्य प्रदेश एटीएस ने उत्तर प्रदेश की कुछ बैंकों को इस संबंध में पत्र भी लिखा है। 

उधर इस मामले की जांच अभी प्रदेश एटीएस और उत्तर प्रदेश एटीएस कर रही है। मामला बड़े आतंकी संगठन आईएसआईएस का होने के कारण यह जांच एनआईए को जल्द ही सौंप दी जाएगी। उत्तर प्रदेश में शैफुल्ला के एनकाउंटर की जांच एनआईए द्वारा करने की घोषणा कल केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा में कर चुके है। मध्य प्रदेश के आईजी इंटेलीजेंस मकरंद देउस्कर ने भी कहा कि ट्रैन ब्लास्ट की जांच एनआईए को जा सकती है। 

आतिफ सिमी और इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) की आतंकी वारदातों से प्रभावित था। इसने इन दोनों आतंकी संगठनों से जुड़ने का प्रयास करने के साथ ही युवाओं को अपने साथ जोड़ने का काम भी किया। इसने पांच साल पहले ही यह तय कर लिया था कि एक ना एक दिन वह देश को दहला देगा। सिमी और इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ने में यह सफल नहीं हो सका। इसके बाद इसने खुद ही इंटरनेट के जरिए पाईम बम बनाना सीखा और इसी दौरान यह आईएसआईएस के जुड़े दस्तावेजों को पढ़ने लगा। उनकी मैग्जीन को भी पढ़ता था। मैग्जीन और इंटरनेट से ही यह बम बनाना सीखा था।

 

Dakhal News 10 March 2017

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