ग्वालियर। भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि पूरे देश में सीएए, एनपीआर और एनआरसी का विरोध हो रहा है। सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की मदद से धर्म के नाम पर बंटवारा कर रही है.। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह सभी को एक सामान अधिकार दें । लोकतंत्र में सभी को बराबरी का हक मिलना चाहिए।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने यह बातें गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार और समुची भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने सीएए कानून बनाकर देश को अस्थिरता में झोंककर ध्रुवीकरण करके सांप्रदायिक राजनीति शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार हुआ कि देश में नागरिकता को धर्म से जोड़ा गया है। सच पूछिए तो केंद्र सरकार संविधान के खिलाफ काम कर रही है। सरकार का यह कानून भारत के संविधान के खिलाफ है।
जब उनसे विरोध प्रदर्शन को लेकर प्रश्न पूछा गया तो उनका जवाब था कि लोकतांत्रिक देश में हमें सरकार के द्वारा बनाए जा रहे कानून या लिए जाने वाले फैसलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है। सरकार हमें ऐसा करने से नहीं रोक सकती है। माकपा महासचिव का कहना था कि सीएए आगे चलकर एनपीआर और एनआरसी में बदलेगा और ये तीनों आपस में जुड़े हुए हैं। यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि एनपीआर केवल जनगणना जैसा है। यूपीए सरकार के समय एनपीआर का प्रोजेक्ट फेल हो गया था। यही कारण है कि देश के 13 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसका विरोध किया है।
पत्रकार वार्ता में उनके साथ जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व नेता शरद यादव एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी मौजूद रहे। यहां शरद यादव ने कहा कि देश के सामने बेरोजगारी, आर्थिक मंदी जैसे मुद्दे हैं। नोटबंदी, जीएसटी से वैसे ही लोगों की कमर टूट गई है और केंद्र की मोदी सरकार है कि सीएए जैसे कानून बनाकर संविधान के विपरीत काम कर रही है। देश को इस वक्त सीएए, एनपीआर और एनआरसी नहीं विकास चाहिए।
वहीं, दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार शुरू से ही नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर खिलाफ है। केंद्रीय स्तर पर भी पहले दिन से कांग्रेस वर्किंग कमेटी सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर देशव्यापी विरोध कर रही है और हमारा यह विरोध जब तक जारी रहेगा तब तक कि केंद्र की मोदी सरकार इसे वापिस नहीं ले लेती है। सच तो यह है कि मोदीजी देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी से ध्यान भटकानें के लिए यह सब कर रही है।
दरअसल, ये सभी नेता सीएए के विरोध में सीपीआई (एम) के द्वारा आयोजित रैली में हिस्सा लेने ग्वालियर आए हुए थे। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदीजी के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लाने के कारण से पूरे देश की 130 करोड़ की जनसंख्या प्रभावित हुई है केंद्र की सरकार देश का माहौल खराब करने में लगी है। इस दौरान उन्होंने राम मंदिर निर्माण का ट्रस्ट को लेकर भी मोदी सरकार पर आरोप लगाए। दिग्गी का मानना है कि सरकार ने सही तरीके से इसे नहीं बनाया। इसमें रामाश्रय संप्रदाय और अखाड़ा परिषद के संतों को शामिल नहीं किया गया है।