Patrakar Priyanshi Chaturvedi
18 करोड़ कर्मचारियों के शामिल होने का दावा
ट्रेड यूनियनों के शुक्रवार को बुलाई गई एकदिवसीय देशव्यापी हड़ताल से आम लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस हड़ताल की वजह से बैंकिंग, सार्वजनिक परिवहन और टेलीकॉम जैसी आवश्यक सुविधाएं प्रभावित हो सकती हैं। केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि वे तमाम सेवाएं पहुंचाने के लिए कारगर कदम उठाएं।
हालांकि हड़ताल का कई राज्यों में असर देखने को मिल रहा है। पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में एक में बस में तोड़फोड़ की गई। वहीं कई जगहों पर यात्री जहां-तहां फंसे हुए हैं। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में एहतियातन स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है।
यूनियनों के मुताबिक, उनकी मांगों के प्रति सरकार की उदासीनता और श्रम कानून में श्रमिक विरोधी एकतरफा बदलावों के विरोध में यह हड़ताल बुलाई गई । यूनियनों का दावा है कि इस हड़ताल में 18 करोड़ कर्मचारी शामिल रहे हैं। जबकि पिछले साल करीब 14 करोड़ कर्मचारी इस हड़ताल का हिस्सा बने थे।
कहां रहा असर
बैंक, सरकारी दफ्तर और फैक्ट्रियां बंद । कोल इंडिया, गेल, ओएनजीसी, एनटीपीसी और भेल जैसे केंद्रीय पीएसयू में कामकाज ठप्प । बिजली, परिवहन, खनन, रक्षा, टेलीकॉम और बीमा क्षेत्र प्रभावित। दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे शहरों में कई ऑटो रिक्शा यूनियनों के शामिल होने से गड़बड़ाईं परिवहन सेवाएं -बंदरगाह व विमानन सेवाएं भी प्रभावित।
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