लोकहित में हर परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करना जरुरी
पुलिस को देनी होगी भर्ती परीक्षा की जानकारीमध्यप्रदेश राज्य सूचना आयोग ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और पुलिस उप महानिरीक्षक की दलीलों को नामंजूर करते हुए अपीलार्थी को पुलिस भर्ती परीक्षा की वांछित जानकारी देने का आदेश दिया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक(चयन/भर्ती) पुलिस मुख्यालय भोपाल तथा पुलिस उप महानिरीक्षक चंबल रेंज ने अपीलार्थी द्वारा चाही गई जानकारी देने से यह कह कर इंकार कर दिया था कि यह जानकारी सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 8(जे) के तहत गोपनीय एवं पर पक्ष से संबंधित होने लोकहित में न होने के कारण देना संभव नहीं है। राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने गत दिवस इस मामले में फैसला सुनाते हुए लोकसूचना अधिकारी डीआईजी चंबल रेंज, मुरैना को आदेशित किया कि वे 15 दिन में अपीलार्थी को आरक्षक भर्ती प्रक्रिया 2011 में चयनित उम्मीदवारों के प्राप्तांको की जानकारी तथा अपीलार्थी को उत्तरपुस्तिका की स्तयापित पंजीकृत डाक से नि:शुल्क उपलब्ध कराएं और 14 अक्टूबर की सुनवाई में पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। आदेश में अन्य चयनित प्रत्याशियों की उत्तर पुस्तिकाओं की सत्यप्रतियां दिलाने के अपीलार्थी के अनुरोध को इस आधार पर अमान्य कर दिया गया कि यह तृतीय पक्ष से संबंधित तथा धारा 8(जे) के तहत विधि से असंगत है किंतु अपीलार्थी स्वयं की उत्तर पुस्तिका की प्रतिलिपि तथा सभी चयनित प्रत्याशियों को प्राप्त अंकों की जानकारी हासिल कर सकेगा। आत्मदीप ने पारित आदेश में टिप्पणी की है कि शैक्षिक एवं चयन/भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद उसकी जानकारी स्वत: सार्वजनिक की ही जानी चाहिए। परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दृष्टि से ऐसा करना आवश्यक है। इसी उदेश्य से संघ लोक सेवा आयोग तथा मप्र राज्य लोक सेवा आयोग हर चयन परीक्षा के संपंन्न होते ही उसके प्रतिभागियों के प्राप्तांको की जानकारी अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करना शुरु कर चुके हैं। पारदशिर्ता लाने की दृष्टि से मप्र शासन ने भी चयन/भर्ती प्रक्रिया के आनलाइन करने की पहल की है। फैसले में कहा गया है कि लोकसूचना अधिकारी ने अपीलार्थी के प्रथम अपील संबंधी आवश्यक जानकारी पुलिस महानिरीक्षक चंबल को प्रथम अपील प्रस्तुत नहीं कर सका। इसलिए अतिरिक्त महानिदेशक की यह आपत्ति मान्य नही है कि अपीलार्थी ने प्रथम अपील न कर सीधे राज्य सूचना आयोग के समक्ष द्वितीय अपील पेश की है, जिसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। आत्मदीप ने निर्णय में कहा कि अपीलार्थी ने अपील संबंधी वांक्षित जानकारी न मिलने के कारण प्रथम अपील पुलिस पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय भोपाल को की है। पुलिस महानिदेशक कार्यालय सूचना के अधिकार के प्रति सद्भावना दिखाते हुए इस अपील के संबंधित अपीलीय अधिकारी को अंतरित कर सकता था जो नहीं किया गया। यह था मामलाअपीलार्थी ओमप्रकाश शर्मा मुरैना ने जिला श्योपुर में पुलिस भर्ती प्रक्रिया 2011 में चयनित सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों व अनुक्रमांक 60222 के उम्मीदवार की उत्तर पुस्तिकाओं की सप्त प्रतियां तथा चयनित उम्मीदवारों व अनुक्रमांक 60222 के उम्मीदवार की मौखिक परीक्षा में दिए गए अंकों की सत्य प्रति मंागी थी। लोक सूचना अधिकारी व डीआईजी चंबल रेंज ने आदेश दिनांक 23/2/2011 में चाही गई जानकारी देने से यह लिखकर इनकार कर दिया कि पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया गोपनीय प्रक्रिया है जिसे आरटीआई के प्रति धारा 8 (जे) के अनुसार प्रकटन से छूट प्राप्त है तथा चाहे गए दस्तावेजों से लोक हित की भावना परिलक्षित नहीं होती अत: चाहे गए दस्तावेज देना संभव नहीं है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (चयन/भर्ती) केएन तिवारी ने आयोग को लिखा की सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल बनाम आदित्य बंद्योपाध्याय के प्रकरण में आदित्य को उनकी उत्तर पुस्तिका का अवलोकन करने का आदेश दिया था। इस न्याय दृष्टांत के अनुसरण में अपिलार्थी को स्वयं की उत्तरपुस्तिका का अवलोकन कराया जा सकता है अन्य की नहीं। तिवारी ने चयनित प्रत्याशियों के प्राप्तांकों की जानकारी देने के संबंध में कुछ नहीं कहा था। बांछित जानकारी प्रदाय किये जाने से इंकार किए जाने के बिरोध में अपिलार्थी ने आयोग के समक्ष अंतिम अपील की थी।