Patrakar Priyanshi Chaturvedi
चंद्रयान जुटाएगा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की जानकारी
चाँद के दक्षिणी ध्रुव से अब रहस्यों का पर्दा उठेगा | भारत का चंद्रयान एक साथ कई सारे अध्ययन यहाँ करेगा | चंद्रयान 2 की मदद से पहली बार दुनिया के सामने चांद के दक्षिणी ध्रुव से जुड़ी जानकारी सामने आ सकेगी | यह सब भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है | और अब चंदामामा दूर के भी नहीं रहे हैं |
भारत का Chandrayaan 2 अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक नई इबारत लिख रहा है | चंद्रयान 2 की सॉफ्ट लैंडिग चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के हिस्से में है | जहां अब तक किसी भी देश का यान नहीं पहुंच सका है | ऐसे में चंद्रयान 2 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग भारत के साथ ही दुनिया के लिए भी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है | दरअसल, चंद्रयान 2 की मदद से पहली बार दुनिया के सामने चांद के दक्षिणी ध्रुव से जुड़ी जानकारी सामने आ सकेगी | ये चंद्रमा पर आगे के मिशन के लिहाज से बेहद खास हो जाएगा | चंद्रयान 2 मिशन पर भारत के साथ ही अन्य देशों की भी नजर है | क्योंकि इस मिशन के जरिये चंद्रमा से जुड़ी हुई ऐसी जानकारियां सामने आएंगी जो अब तक अनछुई रही हैं | मिशन का खास उद्देश्य वहां पानी और उसके संकेतों की खोज करना है ...चंद्रयान 2 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह के तत्वों का अध्ययन करेगा | वहां की चट्टान और मिट्टी किन तत्वों से बनी हुई है, इसे देखेगा | वहां मौजूद चोटियों और खाईयों की स्टडी करेगा | चंद्रमा की सतह का घनत्व और उसमें परिवर्तन की स्टडी करेगा | चंद्रमा के आयनोस्फीयर में इलेक्ट्रानों की मात्रा का अध्ययन करेगा | चंद्रमा का एक दिन धरती के 14 दिन के बराबर है, इस अवधि के दौरान रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर कई प्रयोग करेगा | मुख्य ऑर्बिटर मिशन की अवधि एक साल रहेगी | इसरो के मुताबिक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के क्रेटर्स पर अरबों वर्षों से सूर्य प्रकाश नहीं पहुंचा है, ऐसे में उनमें सोलर सिस्टम की उत्पत्ति का रिकॉर्ड छुपा हो सकता है | इसरो ने वहां बड़ी मात्रा में पानी होने का अनुमान भी लगाया है | इसके साथ ही चंद्रयान 2 से मिली जानकारी भविष्य में चंद्रमा के लिए भेजे जाने चंद्रयान के लिए बेहद काम की होगी | इसरो इस जानकारी की मदद से चंद्रमा पर मानव यान को भेजने के लिए भी जरूरी जानकारियां जुटा सकेगा |
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