Patrakar Priyanshi Chaturvedi
सिनेमा हॉल में फिल्म से पहले और इसके दौरान राष्ट्रगान बजने पर खड़ा होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान बजने पर लोग खड़े होने के लिए बाध्य नहीं हैं।
साथ ही इस मुद्दे पर बहस की जरूरत है। सर्वोच्च न्यायालय ने फिल्म सोसायटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुद्दे पर असमंजस को साफ किया और कहा कि अगर फिल्म के पहले राष्ट्रगान बजता है तो लोगों को खड़ा होना जरूरी है लेकिन फिल्म के बीच में किसी सीन के दौरान यह बजता है तो दर्शक इस पर खड़ो होने के लिए बाध्य नहीं हैं। साथ ही यह भी जरूरी नहीं है कि वो राष्ट्रगान को दोहराएं भी।
अदालत ने कहा कि हम नैतिकता के पहरेदार नहीं हैं। मामले को लेकर केंद्र ने कहा राष्ट्रगान पर खड़े होने को लेकर कानून नहीं है।
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने केंद्र की तरफ से अदालत में कहा कि कोर्ट राष्ट्रगान के अपमान से जुड़े कनून पर भी एक बार नजर डाले।
बता दें कि दिसंबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजने से पहले सभी दर्शकों को इसके सम्मान में खड़ा होने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि राष्ट्रीय गान बजते समय सिनेमाहॉल के पर्दे पर राष्ट्रीय ध्वज दिखाया जाना भी अनिवार्य होगा।
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