हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले में त्यागी को कोर्ट में किया गया पेश
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद

दिल्ली में अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले में गिरफ्तार पूर्व वायुसेनाध्यक्ष शशिन्द्र पाल त्यागी समेत अन्य आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया।इससे पहले सीबीआई ने एसपी त्यागी के साथ ही उनके भाई संजीव त्यागी उर्फ जूली त्यागी और वकील गौतम खेतान को भी गिरफ्तार किया था।

इन सभी पर लगभग 3,600 करोड़ रुपये में वीवीआइपी के लिए 12 हेलीकाप्टरों की खरीद सुनिश्चित करने के लिए 423 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई के अनुसार, आरोपियों के खिलाफ रिश्वत के लेन-देन के ठोस सबूत मिलने के बाद ही कार्रवाई की गई है।

किसी पूर्व वायुसेनाध्यक्ष को पहली बार रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पिछले हफ्ते ही सीबीआई के कार्यवाहक निदेशक का पद संभालने वाले राकेश अस्थाना का यह पहला बड़ा फैसला है।

सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पांच देशों से आए लेटर रोगेटरी (एलआर) के जवाबों के आधार पर सीबीआई को अभी तक 50 मिलियन यूरो की दलाली की रकम के लेन-देन के सबूत मिले हैं। जुलाई में सीबीआई की एक टीम इटली भी गई थी, जहां उसने केस से जुड़े विधि और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की थी।

दलाली की रकम के लेन-देन का पता लगाने के लिए कुल आठ देशों को लेटर रोगेटरी भेजे गए थे। इनमें से मॉरीशस, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात से एलआर का कोई जबाव नहीं आया है। इन देशों से भी इसे जल्दी मंगाने की कोशिश की जा रही है।

ध्यान देने की बात है कि इस साल मई में ईडी ने तीन कंपनियों के 86 करोड़ रुपये के शेयर जब्त किए थे। ईडी ने दावा किया था कि ये शेयर दलाली की रकम से जुड़े हैं। लेकिन इन कंपनियों और उनके निदेशकों का खुलासा नहीं हुआ।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गुइडो हशके के मार्फत आई रिश्वत की रकम का काफी हद तक पता लगा लिया गया है। लेकिन क्रिश्चियन माइकल के मार्फत दी गई दलाली का पता लगाना अभी बाकी है। एजेंसियां क्रिश्चियन माइकल को भारत लाकर पूछताछ करने का पूरा प्रयास कर रही हैं।

दरअसल, एसपी त्यागी के वायुसेनाध्यक्ष रहने के दौरान ही खरीद सौदे को अंतिम रूप दिया गया था, लेकिन हस्ताक्षर 2010 में एसपी त्यागी के सेवानिवृत्त होने के तीन साल बाद हुए थे।

आरोप है कि एसपी त्यागी के भाइयों ने गौतम खेतान के साथ मिलकर भारत में अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर की खरीद को हरी झंडी देने के लिए जबरदस्त लॉबिंग की थी। इन सभी से ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और सीबीआई कई बार पूछताछ कर चुकी है।

 

Dakhal News 10 December 2016

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