Dakhal News
21 January 2025
चीन में एक कंपनी ने "लेजर एके -47" का उत्पादन करने का दावा किया है। कंपनी का कहना है कि उसकी इस बंदूक से आधे मील दूर एक सेकंड से भी कम समय में किसी व्यक्ति को जलाया जा सकता है। हालांकि, कंपनी के इस दावे पर विशेषज्ञ संदेह जाहिर कर रहे हैं।
ZKZM 500 नाम के इस हथियार के बारे में साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में प्रकाशित किया गया है। इसमें दावा किया गया है यह हथियार राइफल के आकार और वजन के बराबर का है। यह सैकड़ों शॉट्स को फायर करने में सक्षम है, जो इंसानी त्वचा को तत्काल राख में बदल देती है। शोधकर्ताओं में से एक ने कहा कि इससे होने वाला दर्द सहनशक्ति से परे होगा।
हालांकि, इस हथियार को लेकर शोधकर्ताओं के जो संशय हैं, वे अपनी जगह पर सही हैं। पहला सरल तथ्य यह है कि इस हथियार के बारे में सिर्फ जानकारी दी गई है, इसको प्रदर्शित नहीं किया गया है। दूसरा यह है कि हथियार के बारे में जो दावे किए जा रहे हैं, वह भौतिकी के सिद्धांतों से मिलते नहीं हैं।
सबसे पहली वजह बिजली की समस्या की है। अपेक्षाकृत कम शक्ति की लेजर आंखों को आसानी से नुकसान पहुंचा सकती है, क्योंकि हमारी आंखें पृथ्वी पर विकसित सबसे संवेदनशील ऑप्टिकल उपकरणों में से हैं। मगर, ऐसी लेजर एक गुब्बारे को फोड़ने में भी असमर्थ साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आंखों को नुकसान इसलिए होता क्योंकि वे प्रकाश-संवेदनशील माध्यम पर प्रकाश के ज्यादा होने की वजह से होता है।
वहीं, फिजिकल बॉडी (चाहे वह मानव शरीर हो या मिसाइल) का विनाश गर्मी के कारण होता है। बड़े पैमाने पर लेजर हथियार प्रणालियों से जरूरत भर की गर्मी पैदा करने के लिए जिससे क्षति हो सके, काफी शक्तिशाली बैटरियों की जरूरत होगी। आधा मील दूर तुरंत एक व्यक्ति को जलाने के लिए यह काफी बड़ी होनी चाहिए।
लेख में कहा गया है कि बंदूक में रिचार्जेबल लिथियम-आयन बैटरियां लगाई गई हैं। सिद्धांत रूप में यह बैट्री आपके फोन में लगी बैट्री की तरह ही है। इसके साथ ही यह कहा गया है कि यह दो-सेकंड वाले एक हजार शॉट्स चला सकती है। यानी दो हजार सेकंड तक चल सकती है, जिसका अर्थ है कि यह आधे घंटे काम कर सकती है।
एयरबोर्न और विहिकल सिस्टम्स के द्वारा परीक्षण की गई इस परिमाण का एक एकल लेजर "शॉट" के लिए कई किलोवाट ऊर्जा की जरूरत होगी। फिर भी ये गंभीर क्षति पहुंचाने में कारगर नहीं होंगी। यही कारण है कि जो लोग लेजर को हथियार के तौर पर विकसित कर रहे थे, उन्होंने इसे छोड़ दिया।
गोली की तुलना में लेजर जब आगे की ओर गति करते हैं, तो वे फैलते जाते हैं। लिहाजा, वे कमजोर हो जाते हैं और उनमें इतनी ऊर्जा नहीं रहती कि वे 800 मीटर की दूरी से किसी फिजिकल बॉडी को जला सकें।
हालांकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि पृथ्वी से अंतरिक्ष तक जाने वाले और अंतरिक्ष से धरती तक आने वाले लेजर हैं। मगर, वे कुछ फोटॉन को ही गंतव्य पर पहुंचा सकती हैं और उन्हें सिग्नल के रूप में ही समझना चाहिए।
Dakhal News
2 July 2018
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.
Created By: Medha Innovation & Development
|