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नॉर्थ कोरिया द्वारा लगातार किए जा रहे मिसाइल परीक्षणों से नाराज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उसे चेतावनी दी है। खबरों के अनुसा ट्रंप ने कहा है कि सब्र का बांध टूट गया है। वहीं दूसरी तरफ दक्षिण कोरिया में उनके समकक्ष मून जाए-इन ने एक बयान में कहा है कि पड़ोसी देश की धमकियों और उकसावे वाली नीतियों का कड़ा जवाब दिया जाएगा। साथ ही मून ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने सियोल आने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।
व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में ट्रम्प के साथ खड़े मून ने संवाददाताओं से कहा कि उत्तर कोरिया की समस्या का पूरी तरह से हल निकलना चाहिए और वहां की सरकार से मुद्दे के हल के लिए वार्ता की मेज पर लौटने की अपील की। उन्होंने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस वर्ष के अंत में सियोल का दौरा करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। हालांकि उन्होंने इस दौरान यह नहीं बताया कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया को सबक सिखाने के लिए क्या रणनीति बनाई है।
उधर ट्रम्प ने कहा, अमेरिका दूसरी क्षेत्रीय ताकतों एवं सभी जिम्मेदार देशों से प्रतिबंधों को लागू करने के लिए साथ आने का आह्वान करता है और मांग करता है कि उत्तर कोरियाई सरकार तेजी से एक बेहतर रास्ते का चयन करे तथा लंबे समय से त्रस्त अपने लोगों के लिए एक अलग भविष्य चुने। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर कोरिया को लेकर जारी रणनीतिक सब्र का युग नाकाम रहा और मुखरता से कहें तो सब्र खत्म हो चुका है।
ट्रम्प ने कहा, 'हमें लापरवाह और क्रूर उत्तरी कोरिया से लगातार धमकियां मिल रही हैं। वहां लगातार परमाणु हथियार और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को एक निश्चित प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है। लेकिन उत्तर कोरिया के तानाशाह को अपने पड़ोसियों और अपने देशवासियों की सुरक्षा से कोई लेनादेना नहीं है। उनमें मानव जीवन के लिए कोई सम्मान नहीं है।'
ट्रम्प को उम्मीद थी कि चीन, उत्तर कोरिया को समझाने और दबाव बनाने में सफल रहेगा, लेकिन वो उम्मीद भी अब लगभग खत्म हो गई है। ऐसे में अमेरिका अब नॉर्थ कोरिया के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर हो गया है।
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