Patrakar Priyanshi Chaturvedi
विवादित दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन में लगातार अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। उपग्रह से मिली तस्वीरों में नजर आया है कि इस सप्ताह चीनी नौसेना के दर्जनों जहाज दक्षिण चीन सागर के हैनान द्वीप पर अभ्यास कर रहे हैं।
हालांकि चीन द्वारा ने इस सैन्य अभ्यास को सामान्य बताया था। चीनी वायुसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि रविवार को उसने जापान के दक्षिणी द्वीपसमूहों को पार करके दक्षिण चीन सागर और वेस्टर्न पसिफिक में अभ्यास किया।
सैटेलाइट से मिली तस्वीरों में दिखाई दे रहा है कि चीन कितने बड़े स्तर पर दक्षिण चीन सागर में युद्धाभ्यास कर रहा है। ऐसा लग रहा है कि चीन की ओर से किसी जंग की तैयारी की जा रही है।
चीनी वायुसेना ने भी अपने बयान में इस तरह के अभ्यासों को युद्ध की तैयारी के लिए सर्वश्रेष्ठ बताया। ज्ञात हो कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अगुआई में चीन अपनी सेनाओं के आधुनिकीकरण का कार्यक्रम चला रहा है। इसके तहत चीन मुख्य लक्ष्य वायुसेना और नौसेना के आधुनिकीकरण पर है। चीनी वायुसेना ने अपने एक बयान में कहा कि इस अभ्यास में H-6K, Su-30 और Su-35 फाइटर प्लेन्स के साथ दूसरे एयरक्राफ्ट्स का इस्तेमाल किया गया।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, चीन ने दक्षिण चीन सागर में युद्धाभ्यास के दौरान दर्जनों जहाजों की हलचल देखी गई। लिओनिंग कैरियर समूह ने पिछले हफ्ते ताइवान का दौरा किया था। तस्वीरों को सोमवार को लिया गया, जिनमें नजर आ रहा है कि कम से कम 40 जहाजों और पनडुब्बियां लिओनिंग समूह में शामिल हैं।
कुछ विश्लेषकों ने चीन के इस बढ़ती नौसेना के असामान्य रूप से बड़े प्रदर्शन के रूप में वर्णित किया है। कैलिफोर्निया स्थित आधारित मिडलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज के एक सुरक्षा विशेषज्ञ जेफरी लुईस ने कहा कि तस्वीरें पुष्टि करती हैं कि कैरियर ड्रिल में शामिल हुआ था। उन्होंने हैरानी जाते हुए कहा, 'ये अविश्वसनीय तस्वीरें हैं। यह मेरे लिए बड़ी खबर है।'
गौरतलब है कि चीन पूरे दक्षिण चीन सागर के क्षेत्र पर अपना दावा करता है, जहां से 5 खरब डॉलर के व्यापार का आयात-निर्यात होता है। इसके अलावा ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम ने भी इस विवादित समुद्री इलाके में अपना दावा करते आ रहे हैं।चीन और फिलीपींस के बीच ये समुद्र विवाद तब से कम हो गया है जब से फिलीपींस के राष्ट्रपति रॉड्रिगो दुतेर्ते जुलाई 2016 में सत्ता में आए और बीजिंग के साथ चीनी व्यापार और निवेश के जरिए संबंधों में सुधार की कोशिश की थी।
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