Patrakar Priyanshi Chaturvedi
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने 2025 से प्रेम भाटिया पत्रकारिता पुरस्कारों की जिम्मेदारी संभालने का निर्णय लिया है। ये पुरस्कार दो श्रेणियों में दिए जाते हैं— राजनीतिक पत्रकारिता में उत्कृष्टता और पर्यावरण पत्रकारिता में उत्कृष्टता। इस फैसले के तहत, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया हर साल 'प्रेम भाटिया मेमोरियल लेक्चर' का आयोजन भी करेगा। यह पुरस्कार और व्याख्यान 1995 में दिवंगत प्रेम भाटिया की स्मृति में शुरू किए गए थे, जो 'द ट्रिब्यून' के पूर्व संपादक रहे थे। एडिटर्स गिल्ड ने प्रेम भाटिया मेमोरियल ट्रस्ट के साथ एक समझौते के तहत इन दोनों जिम्मेदारियों को अपने हाथ में लिया है।
इस समझौते के तहत, प्रेम भाटिया मेमोरियल ट्रस्ट ने अपनी पूरी निधि एडिटर्स गिल्ड को दान कर दी है, जिससे गिल्ड इन दोनों पुरस्कारों और वार्षिक व्याख्यान को अगले साल से आयोजित कर सकेगा। पिछले कुछ वर्षों में, ये वार्षिक पुरस्कार और स्मारक व्याख्यान भारतीय पत्रकारिता में अत्यधिक प्रतिष्ठित आयोजन बन चुके हैं। एडिटर्स गिल्ड ने इन परंपराओं को भविष्य में भी उसी गरिमा और प्रतिष्ठा के साथ बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई है।
इन दोनों पुरस्कारों के पूर्व विजेताओं में पीपल्स आर्काइव ऑफ इंडिया (PARI), राजदीप सरदेसाई, नीरजा चौधरी, आकार पटेल, जोसी जोसेफ और दैनिक भास्कर जैसे नाम शामिल हैं। वहीं, स्मारक व्याख्यान देने वाले प्रमुख व्यक्तियों में डॉ. करन सिंह, डॉ. एमएस स्वामीनाथन, ज़ोया हसन, सोली सोराबजी, प्रताप भानु मेहता, श्याम सरन, इंदर मल्होत्रा और टीएन निनन शामिल हैं। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने घोषणा की है कि वह इन परंपराओं को उसी गरिमा और सम्मान के साथ निभाते हुए पत्रकारिता को और मजबूती प्रदान करेगा।
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