नॉन-सैटेलाइट बेस्ड ब्रॉडकास्ट टेक्नोलॉजी को लेकर TRAI ने जारी किया ये परामर्श पत्र
नॉन-सैटेलाइट बेस्ड ब्रॉडकास्ट टेक्नोलॉजी को लेकर TRAI ने जारी किया ये परामर्श पत्र

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने हाल ही में ग्राउंड-बेस्ड ब्रॉडकास्टर्स के लिए एक नियामक ढांचा विकसित करने के संबंध में एक परामर्श पत्र जारी किया है। यह पहल नॉन-सैटेलाइट ब्रॉडकास्टिंग तकनीकों के उपयोग और उनके नियमन पर स्टेकहोल्डर्स से प्रतिक्रियाएं प्राप्त करने के लिए की गई है। इस पत्र का उद्देश्य भारतीय ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री में नये विकास और अवसरों को सामने लाना है, खासकर ग्राउंड-बेस्ड टेरेस्ट्रियल ब्रॉडकास्टिंग के क्षेत्र

 

वर्तमान स्थिति

वर्तमान में, भारत में ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत काम कर रही है। ये दिशा-निर्देश टेलीविजन चैनलों को सैटेलाइट आधारित अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के माध्यम से कंटेंट वितरण प्लेटफॉर्म ऑपरेटरों (DPOs) तक पहुंचाने की अनुमति देते हैं। यह प्रणाली लंबे समय से उद्योग का मुख्य आधार रही है। 

 

हालांकि, नई तकनीकों के आगमन ने ग्राउंड-बेस्ड टेरेस्ट्रियल तकनीकों का उपयोग संभव बना दिया है। इससे न केवल ब्रॉडकास्टर्स को अधिक विकल्प मिलते हैं, बल्कि DPOs को भी वितरण के नए तरीके उपलब्ध होते हैं। ग्राउंड-बेस्ड चैनल, सैटेलाइट चैनलों की तरह ही, कई DPO नेटवर्क के माध्यम से वितरित किए जा सकते हैं, और व्यावसायिक शर्तों पर ग्राहकों तक पुनः प्रसारित किए जा सकते हैं। 

 

TRAI का उद्देश्य

इस तकनीकी बदलाव को ध्यान में रखते हुए, TRAI का उद्देश्य एक ऐसा नियामक ढांचा तैयार करना है जो टेरेस्ट्रियल ब्रॉडकास्टिंग तकनीकों के उपयोग को सुगम बनाए और उद्योग के मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करे। यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि तकनीकी क्षेत्र में निरंतर परिवर्तन हो रहा है, और ब्रॉडकास्टर्स को नए समाधान और तकनीकें अपनाने की आवश्यकता है।

 

पूर्वी सिफारिशें

TRAI ने पहले भी नवंबर 2014 में MIB को प्लेटफॉर्म सेवाओं के नियमन पर कुछ सिफारिशें दी थीं, जिसमें ग्राउंड-बेस्ड ब्रॉडकास्टिंग से संबंधित तत्व शामिल थे। हालांकि, MIB ने 22 मई, 2024 को एक पत्र के माध्यम से बताया कि 2014 से अब तक इस संदर्भ में कई महत्वपूर्ण बदलाव हो चुके हैं। 

 

इन परिवर्तनों की समीक्षा के बाद, MIB ने TRAI से अनुरोध किया है कि वह वर्तमान प्रसारण परिदृश्य के अनुसार नई सिफारिशें प्रदान करें। यह प्रक्रिया TRAI अधिनियम, 1997 की धारा 11(1)(a) के तहत की जा रही है, जो TRAI को अपने दायित्वों को निभाने का अधिकार देती है।

 

### परामर्श पत्र की प्रक्रिया

 

TRAI ने इस प्रक्रिया के हिस्से के रूप में परामर्श पत्र जारी किया है और इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स से प्रतिक्रिया आमंत्रित की है। स्टेकहोल्डर्स को 15 नवंबर तक अपने लिखित सुझाव प्रस्तुत करने होंगे, जबकि काउंटर-कमेंट्स 29 नवंबर तक स्वीकार किए जाएंगे। यह प्रक्रिया विभिन्न खिलाड़ियों को अपनी आवाज उठाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है, ताकि सभी संबंधित पक्षों की चिंताओं और सुझावों को ध्यान में रखा जा सके।

 

संभावित लाभ

TRAI का यह कदम भारतीय ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री में कई संभावित लाभ लेकर आ सकता है। सबसे पहले, यह ग्राउंड-बेस्ड ब्रॉडकास्टिंग के उपयोग को बढ़ावा देगा, जिससे दर्शकों को बेहतर और विविध सामग्री मिल सकेगी। इससे नई तकनीकों का विकास और अपनाना भी संभव होगा, जो कि इंडस्ट्री के लिए दीर्घकालिक लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

 

इसके अलावा, इस कदम से न केवल ब्रॉडकास्टर्स के लिए बल्कि DPOs के लिए भी नए व्यापार मॉडल विकसित करने का अवसर मिलेगा। इससे वे अपने ग्राहकों के लिए अधिक मूल्य प्रदान कर सकेंगे। 

 

 चुनौतियाँ

हालांकि, इस प्रक्रिया में कुछ चुनौतियाँ भी हो सकती हैं। विभिन्न तकनीकों और मानकों के बीच संतुलन बनाना एक कठिन कार्य होगा। इसके अलावा, पुराने सैटेलाइट सिस्टम और नए ग्राउंड-बेस्ड सिस्टम के बीच समन्वय स्थापित करना आवश्यक होगा। 

 

इंडस्ट्री के विभिन्न हितधारकों के बीच मतभेद भी एक समस्या हो सकती है। इसीलिए, TRAI को एक ऐसा ढांचा विकसित करने की आवश्यकता है जो सभी पक्षों की चिंताओं का समाधान कर सके और इंडस्ट्री के विकास में सहायक हो।

 

 समापन

भारतीय ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री में चल रहे इस परिवर्तन का TRAI द्वारा जारी परामर्श पत्र के माध्यम से एक महत्वपूर्ण दिशा में कदम बढ़ाने की तैयारी है। यह न केवल तकनीकी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह स्टेकहोल्डर्स के लिए संवाद और सहयोग का एक मंच भी प्रदान करता है। 

 

TRAI का यह प्रयास इंडस्ट्री के सभी खिलाड़ियों को एक साथ लाने और एक मजबूत और प्रतिस्पर्धी ब्रॉडकास्टिंग वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके द्वारा न केवल उद्योग के वर्तमान परिदृश्य को बेहतर बनाया जाएगा, बल्कि यह भविष्य में भी नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा। 

 

इस संदर्भ में, सभी स्टेकहोल्डर्स को अपनी राय और सुझाव प्रस्तुत करने का अवसर मिला है, जो कि उद्योग की दिशा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अब देखना यह है कि क्या TRAI और MIB इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक लागू कर पाते हैं और ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री को एक नई ऊंचाई पर ले जाने में सक्षम होते हैं।

Dakhal News 22 October 2024

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