अंबानी से ज्यादा ग्लैमर सहारा पुत्रों की शादी में था,तब पत्रकार सेठों के दास नहीं थे
journalists were not slaves of Seths

मुकेश अंबानी के बेटे की शादी में कहीं आपको पत्रकार संपादक मीडिया मालिक दिखे? हो सकता है हों। मगर अननोटिस्ड। कहीं फोटो खबर या मुख्य महफिल में नहीं।मतलब मीडिया अब महत्वहीन रह गया है। उसे कोई पूछने वाला नहीं। सम्मान देना तो दूर की बात है। मगर पहले ऐसा नहीं था। पत्रकार की अपनी इज्जत होती थी और उसकी अपनी एक शख्सियत यह तो देश के सबसे बड़े पैसे वाले की शादी है। लेकिन पहले मुंबई में दिल्ली में देश के दूसरे राज्यों की राजधानी में छोटे शहरों में जब भी कोई बड़ी शादी होती थी तो पत्रकार वहां बड़े सम्मान पूर्वक आमंत्रित होते थे। वे दूसरे वीआईपी की तरह विशिष्ट लोगों में होते थे इससे पहले जो इससे भी ज्यादा चमक दमक वाली शादी सहाराश्री के बेटों की हुई थी उसमें मीडिया मालिक संपादक के साथ लखनऊ के सब पत्रकार बहुत सम्मान के साथ बुलाए गए थे। हर पत्रकार के लिए उसके नाम के साथ अलग टेबल रिजर्व थी बाहर से होस्टेस उसको एस्कॉर्ट करके अंदर ले जा रही थीं। दरवाजे पर अमिताभ बच्चन अमर सिंह खड़े होकर उनकी अगवानी कर रहे थे। उससे पहले यही मुकेश अंबानी जो अपने लड़के की शादी में सिर्फ नेताओं और सिलेब्रिटीज को पूछ रहे हैं अपनी शादी में पत्रकारों का हाथ जोड़-जोड़ कर आशीर्वाद ले रहे थे। धीरूभाई अंबानी ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया के सारे पत्रकारों के पास चॉकलेट के डिब्बे पहुंचाए थे। और उस समय ऐसे स्वाभिमानी पत्रकार होते थे जिन्होंने वह डिब्बे स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।अभी शादी पूर्व के समारोह में कुछ पत्रकारों को कैमरे लेकर बुलाया गया था। धन्य-धन्य हो रहे थे। हाथी को खिलाए जाने वाली खिचड़ी खाकर कह रहे थे इससे ज्यादा टेस्टी खिचड़ी कभी नहीं खाई! पत्रकारिता अभी और गिरेगी और पत्रकार की इज्जत इतनी हो जाएगी जैसे बाहर बोर्ड लगा दिए जाते हैं की खाना ड्राइवर और सिक्योरिटी के लिए वैसे ही उसमें पत्रकार और लिख दिया जाएगा। अभी नई पार्लियामेंट में यह हो गया। पत्रकारों के लिए जिस कैंटीन में खाना है वहां लिखा है स्टाफ और मीडिया। पहले पुरानी पार्लियामेंट में सिर्फ पत्रकारों के लिए अलग कैंटीन थी।खैर, पत्रकार अब कुछ नहीं कर सकता। उसके संपादक और मालिकों की हालत भी ऐसी ही हो गई है। पत्रकारिता सत्ता की, सेठों की दासी हो गई है। कभी वह जनता की आवाज थी। सत्य और साहस से चलती थी। अब केवल आदेशों पर!

 

 

 

Dakhal News 17 July 2024

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